फ्रांस में खोजा गया नया कोविड -19 वैरिएंट 'IHU', ओमिक्रॉन की तुलना में ज्यादा म्यूटेशन 

New Covid-19 variant IHU discovered in France, more mutations than Omicron
फ्रांस में खोजा गया नया कोविड -19 वैरिएंट 'IHU', ओमिक्रॉन की तुलना में ज्यादा म्यूटेशन 
नए वैरिएंट की दस्तक फ्रांस में खोजा गया नया कोविड -19 वैरिएंट 'IHU', ओमिक्रॉन की तुलना में ज्यादा म्यूटेशन 
हाईलाइट
  • नए स्ट्रेन को 'वैरिएंट IHU' या B.1.640.2 नाम दिया गया है
  • विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें करीब 46 म्यूटेशन हो सकते हैं
  • ओमिक्रॉन के मुकाबले संक्रमण दर है कम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनियाभर में ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच, कोरोना के एक और नए वैरिएंट ने दस्तक दे दी है। फ्रांस में वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन वैरिएंट की तुलना में अधिक म्यूटेशन के साथ कोरोनावायरस के एक नए वैरिएंट की पहचान की है। इस नए स्ट्रेन को "वैरिएंट IHU" या B.1.640.2 नाम दिया गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इसमें करीब 46 म्यूटेशन हो सकते हैं।

माना जा रहा है इस यह वैरिएंट सबसे पहले अफ्रीकी देश कैमरून में पाया गया है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है। स्टडी के अनुसार, यह वैरिएंट स्पाइक प्रोटीन में N501Y और E484K दोनों प्रतिस्थापनों (substitution) को बंद कर देता है।

फ्रांस के शहर मार्सिले के पास इस वैरिएंट के 12 मामले सामने आए हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि इनमें से कई रोगी संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती थे। एक्सपर्ट को डर है कि नए वैरिएंट में मौजूदा वैक्सीन के प्रभाव को बेअसर करने की क्षमता हो सकती है। IHU में सांस की दिक्कतों से जुड़े हल्के लक्षण देखे गए हैं।

ओमिक्रॉन के मुकाबले संक्रमण दर है कम 

इस नए वैरिएंट की खोज "दि मेडिटेरेनी इंफेक्शन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल इंस्टिट्यूट (IHU) के शोधकर्ताओं ने की है, लेकिन ये अभी तक WHO की जांच के दायरे में नहीं आया है।  

IHU में वैरिएंट की खोज करने वाले डिपार्टमेंट के हेड प्रोफेसर फिलिप कोलसन ने पिछले महीने एक पेपर में ऑनलाइन पोस्ट पर इस स्ट्रेन के बारे में जानकारी दी थी।

हालांकि इसे अभी तक किसी मेडिकल जर्नल में प्रकाशित नहीं किया गया है। उन्होंने लिखा, "हमने मार्सेल के जियोग्राफिक एरिया में नए वैरिएंट के कई मामले देखे हैं। हमने इसे ""वैरिएंट IHU"" नाम दिया है। अभी दो नए जीनोम जमा किए गए हैं।"

हालांकि, यूएस एपिडेमायोलॉजिस्ट और हेल्थ इकोनॉमिस्ट एरिक फिगल डिंग ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है। ट्वीट कर उन्होंने बताया कि कोरोना के नए वैरिएंट्स लगातार सामने आ रहे हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि सभी वैरिएंट खतरनाक होंगे। एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, "म्यूटेशन की संख्या के कारण मल्टीपल होने की क्षमता किसी वायरस को खतरनाक बनाती है।"

उन्होंने आगे कहा, "ऐसी स्थिति में कोई स्ट्रेन ओमिक्रॉन की तरह "वैरिएंट ऑफ कन्सर्न" बन जाता है, जो कि संक्रामक होने के साथ-साथ आसानी से इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है। इसलिए अभी ये देखना बाकी है कि नया वैरिएंट किस कैटेगरी में आता है।" 

उन्होंने एक डेटा का उदाहरण देते हुए यह भी बताया कि फ्रांस के उन हिस्सों में आईसीयू में भर्ती होने वालों की दर बहुत ज्यादा है जहां कई तरह के वैरिएंट पाए जा रहे हैं। 
 

Created On :   4 Jan 2022 10:22 PM IST

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