नौसेना: जंगी जहाज पर पहली बार उतरा स्वदेशी लड़ाकू विमान, तेजस ने आईएनएस विक्रमादित्य पर की लैंडिंग

Naval LCA makes successful arrested landing on aircraft carrier INS Vikramaditya
नौसेना: जंगी जहाज पर पहली बार उतरा स्वदेशी लड़ाकू विमान, तेजस ने आईएनएस विक्रमादित्य पर की लैंडिंग
नौसेना: जंगी जहाज पर पहली बार उतरा स्वदेशी लड़ाकू विमान, तेजस ने आईएनएस विक्रमादित्य पर की लैंडिंग
हाईलाइट
  • इससे नौसेना की ऑन डेक ऑपरेशन की क्षमताएं बढ़ेंगी
  • कमांडर जयदीप मावलंकर ने अरेस्टेड लैडिंग कराई
  • नौसेना के लिए डबल इंजन तेजस विकसित करने का रास्ता साफ

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस ने शनिवार को पहली बार विमान वाहक पोत INS विक्रमादित्य पर सफल अरेस्टेड लैंडिंग की। रक्षा शोध और विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने बताया कि कमांडर जयदीप मावलंकर ने यह लैंडिंग कराई। इससे नौसेना की ऑन डेक ऑपरेशन की क्षमताएं बढ़ेंगी। उम्मीद की जा रही है कि यह लड़ाकू विमान जल्द ही यहां से उड़ान भी भरेगा।

इस अरेस्टेड लैंडिंग के बाद नौसेना के लिए डबल इंजन तेजस विकसित करने का रास्ता साफ हो गया है। यह पहला मौका है, जब INS पर कोई स्वदेशी लड़ाकू विमान ने लैंडिंग की। 

 

 

तेजस ने सितंबर में टेस्ट फैसिलिटी में लैंडिंग की थी
तेजस ने पिछले साल 13 सितंबर को नौसेना में शामिल होने के लिए एक बड़ा परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा किया था। डीआरडीओ और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी के अधिकारियों ने गोवा की तटीय टेस्ट फैसिलिटी में तेजस की अरेस्टेड लैंडिंग कराई थी। तेजस यह मुकाम पाने वाला देश का पहला एयरक्राफ्ट बना गया था। इस लड़ाकू विमान को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने डिजाइन और विकसित किया। तेजस भारतीय वायुसेना की 45वीं स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग ड्रैगर्स’ का हिस्सा है।

कैसे होती है अरेस्टेड लैंडिंग 
अरेस्टेड लैंडिंग के लिए विमानों के पीछे के हिस्से में स्टील वायर से जोड़कर एक हुक लगाया जाता है। लैंडिंग के दौरान पायलट को यह हुक विमानवाहक पोत में लगे स्टील के मजबूत केबल में फंसाना होता है। जैसे ही प्लेन रफ्तार कम करते हुए डेक पर उतरता है, हुक तारों में पकड़कर उसे थोड़ी दूरी पर रोक लेता है। इसलिए इसे अरेस्टेड लैंडिंग कहा जाता है।

क्या है अरेस्टेड लैंडिंग 
नौसेना में शामिल होने के लिए विमानों को हल्का होने के साथ ही उसे अरेस्टेड लैंडिंग में भी सक्षम होना चाहिए। विमानवाहक पोत एक निश्चित भार ही उठा सकता है, इसलिए विमानों का हल्का होना जरूरी है। युद्धपोत पर बने रनवे की लंबाई निश्चित होती है। ऐसे में विमानों को लैंडिंग के दौरान रफ्तार कम करते हुए रनवे पर जल्दी रुकना पड़ता है। इसलिए अरेस्टेड लैंडिंग जरूरी होती है।
 
अरब सागर में तैनात है आईएनएस विक्रमादित्य 
बता दें कि भारत ने अपना विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य अरब सागर में तैनात किया है। भारत ने यह कदम ऐसे समय उठाया है जब चीन और पाकिस्तान उस क्षेत्र में नौ दिवसीय नौसैनिक अभ्यास कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस कदम के जरिए भारत ने अपने दोनों पड़ोसियों को स्पष्ट संकेत दिया है। सैन्य सूत्रों ने बताया कि जब पोत को सामरिक मिशन पर तैनात किया गया, नौसेना मुख्यालय के शीर्ष अधिकारी विमानवाहक पोत पर सवार थे।
 
पाकिस्तान और चीन ने सोमवार को उत्तरी अरब सागर में किया था नौसेना अभ्यास
पाकिस्तान और चीन का नौसेना अभ्यास सोमवार को उत्तरी अरब सागर में शुरू हुआ था। इसका मकसद दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाना है। कश्मीर मुद्दे को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच "सी गार्जियन" अभ्यास हो रहा है। सूत्रों ने बताया कि विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य को सामरिक उद्देश्य के साथ भेजा गया है और उस पर मिग 29के युद्धक विमान तैनात हैं।

Created On :   12 Jan 2020 12:14 AM IST

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