मालेगांव विस्फोट: पुरोहित की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा- तेजी से करें फैसला
- मामले के सभी सात आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट से लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित की याचिका पर तेजी से सुनवाई करते हुए फैसला करने का अनुरोध किया, जिन्होंने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी को रद्द करने की मांग की है। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने उच्च न्यायालय से पुरोहित की रिट याचिका पर विचार करने और कानून के अनुसार इस पर शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध किया।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, हम उच्च न्यायालय से उक्त रिट याचिका पर विचार करने और कानून के अनुसार इस पर शीघ्र निर्णय लेने का अनुरोध करना उचित समझते हैं। रिट याचिका का निपटारा उपरोक्त शर्तों के तहत किया जाए। लंबित आवेदन (आवेदनों), यदि कोई हो, का भी निपटारा किया जाए।
यह नोट किया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा दायर रिट याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, जिसमें याचिकाकर्ता ने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 197 (2) के तहत मंजूरी को रद्द करने की मांग की है। पुरोहित ने इस मामले में मुकदमा चलाने के लिए सरकार द्वारा दी गई मंजूरी का दावा करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था, जो उनकी दलीलों के अनुसार, कानूनन गलत था।
उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2017 में, विस्फोट मामले में पुरोहित के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने वाली सरकारी मंजूरी को रद्द करने से इनकार कर दिया था। मामले से आरोप मुक्त करने की पुरोहित की याचिका को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत ने भी खारिज कर दिया था।
29 सितंबर, 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधा विस्फोटक उपकरण फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक घायल हो गए थे। मामले के सभी सात आरोपी फिलहाल जमानत पर बाहर हैं।
(आईएएनएस)
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Created On :   1 Aug 2022 10:00 PM IST