पीएम मोदी ने जल संकट से लेकर योग दिवस तक कही 'मन की बात'
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- आखिरी बार 24 फरवरी को 2019 को हुआ था कार्यक्रम
- लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी की पहली 'मन की बात'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल में रविवार को पहली बार मन" की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। देशभर में बीजेपी के बूथ स्तर पर कार्यालयों में पीएम मोदी के संबोधन का लाइव प्रसारण किया गया। अपने संबोधन में पीएम नरेंद्र मोदी ने जल संकट, आपातकाल और योग दिवस जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि चुनाव के कारण मन की बात कार्यक्रम को संबोधित नहीं कर पाने के लिए खेद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले कार्यकाल में 53 बार मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया था। 24 फरवरी को पीएम मोदी ने आखिरी बार मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया था। तब उन्होंने लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ वापसी की उम्मीद जताई थी।
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— Narendra Modi (@narendramodi) June 30, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने "मन की बात" कार्यक्रम में कहा -
- योग के क्षेत्र में योगदान के लिए Prime Minister’s Awards की घोषणा, अपने आप में मेरे लिए एक बड़े संतोष की बात थी। यह पुरस्कार दुनिया भर के कई संगठनों को दिया गया है।
- 21 जून को फिर से एक बार योग दिवस में उमंग के साथ, एक-एक परिवार के तीन-तीन चार-चार पीढ़ियां, एक साथ आ करके योग दिवस को मनाया। शायद ही कोई जगह ऐसी होगी, जहां इंसान हो और योग के साथ जुड़ा हुआ न हो, इतना बड़ा, योग ने रूप ले लिया है।
- जल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले व्यक्तियों का, स्वयं सेवी संस्थाओं का, और इस क्षेत्र में काम करने वाले हर किसी का, उनकी जो जानकारी हो, उसे आप #JanShakti4JalShakti के साथ शेयर करें ताकि उनका एक डाटाबेस बनाया जा सके।
- जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को एक जन आंदोलन का रूप दे दिया। आइए, वैसे ही जल संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन की शुरुआत करें।
- जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया है। इससे पानी से संबंधित सभी विषयों पर तेज़ी से फैसले लिए जा सकेंगे।
- जो भी पोरबंदर के कीर्ति मंदिर जायें वो उस पानी के टांके को जरुर देखें। 200 साल पुराने उस टांके में आज भी पानी है और बरसात के पानी को रोकने की व्यवस्था है, ऐसे कई प्रकार के प्रयोग हर जगह पर होंगे।
- मैं चुनाव आयोग को, और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को, बहुत-बहुत बधाई देता हूं और भारत के जागरूक मतदाताओं को नमन करता हूं।
- दुनिया में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर स्थित मतदान केंद्र भी भारत में ही है। यह मतदान केंद्र हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्फिति क्षेत्र में 15000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
- अरुणाचल प्रदेश के एक रिमोट इलाके में, महज एक महिला मतदाता के लिए पोलिंग स्टेशन बनाया गया। आपको यह जानकार आश्चर्य होगा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों को वहां पहुंचने के लिए दो-दो दिन तक यात्रा करनी पड़ी,यही तो लोकतंत्र का सच्चा सम्मान है।
- आप कल्पना कर सकते हैं कि इस प्रकार के चुनाव संपन्न कराने में कितने बड़े स्तर पर संसाधनों की और मानवशक्ति की आवश्यकता हुई होगी। लाखों कर्मियों की दिन-रात की मेहनत से चुनाव संपन्न हो सका। सैन्य कर्मियों ने भी परिश्रम की पराकाष्ठा की।
- 2019 का लोकसभा का चुनाव अब तक के इतिहास में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक चुनाव था।
- भारत गर्व के साथ कह सकता है कि हमारे लिए, कानून नियमों से परे लोकतंत्र हमारे संस्कार हैं, लोकतंत्र हमारी संस्कृति है, लोकतंत्र हमारी विरासत है।आपातकाल में हमने अनुभव किया था और इसीलिए देश, अपने लिए नहीं, लोकतंत्र की रक्षा के लिए आहुत कर चुका था।
- जब देश में आपातकाल लगाया गया तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं रहा था, राजनेताओं तक सीमित नहीं रहा था, जेल के सलाखों तक, आन्दोलन सिमट नहीं गया था। जन-जन के दिल में एक आक्रोश था
- मन की बात देश और समाज के लिए आईने की तरह है। ये हमें बताता हां कि देशवासियों के भीतर मजबूती, ताकत और टैलेंट की कोई कमी नहीं है।
- एक लंबे अंतराल के बाद आपके बीच मन की बात, जन-जन की बात, जन-मन की बात इसका हम सिलसिला जारी कर रहे हैं। चुनाव की आपाधापी में व्यस्तता तो ज्यादा थी लेकिन मन की बात का मजा ही गायब था, एक कमी महसूस कर रहा था। हम 130 करोड़ देशवासियों के स्वजन के रूप में बातें करते थे।
Created On :   30 Jun 2019 8:20 AM IST