सीमा विवाद: चीन से तनाव के बीच लद्दाख दौरे पर सेनाध्यक्ष नरवणे, हालातों का लेंगे जायजा
- चीन से तनाव के बीच लद्दाख दौरे पर सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे
- दो दिवसीय यात्रा के दौरान सैनिकों की तैयारियों की करेंगे समीक्षा
डिजिटल डेस्क, लद्दाख। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत-चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच आर्मी चीफ मनोज मुकुंद नरवणे (Army Chief General Manoj Mukund Naravane) आज लेह पहुंचे हैं। आर्मी चीफ नरवणे यहां सुरक्षा हालातों का जायजा लेंगे। सीनियर फील्ड कमांडर्स LAC की मौजूदा स्थिति की जानकारी देंगे। अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान सेना प्रमुख उन सैनिकों की तैयारियों की भी समीक्षा करेंगे जो बीते तीन महीने से चीनी सैनिकों के खिलाफ डटे हुए हैं।
During the two day visit, the Army Chief will also review the operational preparedness of the troops who are locked in a stand off with Chinese troops for over three months now: Army Sources https://t.co/5P6YpC38Ab
— ANI (@ANI) September 3, 2020
जनरल नरवणे गुरुवार तड़के लेह पहुंचे और वहां मौजूद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत की। सेना के सूत्र ने बताया, दो दिवसीय दौरे के दौरान जनरल नरवणे फॉरवर्ड लोकेशन पर जा सकते हैं। वे चीन के रणनीतिक प्रयासों को विफल करने के लिए रणनीति पर चर्चा करेंगे। जानकारी के मुताबिक, टॉप कमांडर पूर्वी लद्दाख की मौजूदा स्थिति के बारे में आर्मी चीफ को बताएंगे।
अपने लद्दाख दौरे के दौरान नरवणे सर्दियों के लिहाज से भी तमाम स्थितियों की समीक्षा करेंगे। क्योंकि सर्दियों में 12 हजार फीट की उंचाई पर तापमान माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है ऐसे में यहां रसद पहुंचाना भी बड़ी चुनौती होती है। कठोर जलवायु के कारण पूर्वी लद्दाख में तैनात लगभग 35 हजार अतिरिक्त सैनिकों को विशेष कपड़े, आहार और रहने की जगह की आवश्यकता होती है। लद्दाख में जिन जगहों पर हिंसक संघर्ष हुए जैसे पांगोंग झील और गलवान घाटी, वे समुद्र तल से 14 हजार फीट ऊपर हैं।
बता दें कि, दक्षिण पैंगोंग झील (Pangong Lake) इलाके में चीन की नापाक हरकत को भारतीय जवानों ने असफल करते हुए उस इलाके की ऊंचाई वाले क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत कर ली है। भारत-चीन के बीच कई बार सैन्य स्तर की बातचीत हो चुके है, इसके बाद भी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिक लगातार भारतीय इलाकों में घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। वहीं दोनों देशों के सैन्य प्रतिनिधि तनाव कम करने के लिए बातचीत कर रहे हैं। हाल ही में चीन ने पैंगोंग झील के पास यथास्थिति को बदलते हुए घुसपैठ की नाकाम कोशिश की। जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी कार्रवाई की। 29-30 अगस्त की मध्यरात्रि को पीएलए के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में पिछली सहमति का उल्लंघन कर यथास्थिति को बदलने की कोशिश की थी। दोनों देश के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चार महीने से गतिरोध में चल रहा है। 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक मारे गए थे। वहीं चीन अपने हताहतों की संख्या नहीं बता रहा है।
Created On :   3 Sept 2020 11:18 AM IST