कोटा में 3 छात्रों की आत्महत्या का मामला : एनएचआरसी का केंद्र, राजस्थान सरकार को नोटिस

Kota suicide case of 3 students: NHRC notice to Centre, Rajasthan government
कोटा में 3 छात्रों की आत्महत्या का मामला : एनएचआरसी का केंद्र, राजस्थान सरकार को नोटिस
राजस्थान कोटा में 3 छात्रों की आत्महत्या का मामला : एनएचआरसी का केंद्र, राजस्थान सरकार को नोटिस
हाईलाइट
  • दीर्घकालिक योजना का सूत्रीकरण

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए राजस्थान के मुख्य सचिव, केंद्रीय सचिव, उच्च शिक्षा और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष को कोटा में 11 दिसंबर को एनईईटी के लिए कोचिंग ले रहे तीन छात्रों द्वारा कथित आत्महत्या पर नोटिस जारी किया है। इस घटना ने शहर के निजी संस्थानों में कोचिंग ले रहे किशोरों द्वारा तकनीकी और चिकित्सा शिक्षा हेतु सीमित सीटों के कारण अनुभव किए जा रहे भारी दबाव को फिर से सुर्खियों में ला दिया है।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पाया है कि यदि यह सही है, तो मानव अधिकार उल्लंघन का गंभीर मुद्दा है। आयोग ने कहा कि वर्षों से कोटा राष्ट्रीय प्रवेश पात्रता परीक्षा (नीट) के उम्मीदवारों के लिए निजी कोचिंग सेंटरों का केंद्र बन गया है। वे काफी मोटी रकम वसूल रहे हैं। देश भर से छात्र सफलता की उम्मीद के साथ छात्रावासों/पेइंग गेस्ट हाउसों में रह रहे हैं। इससे वे काफी दबाव में हैं। निजी कोचिंग संस्थानों को विनियमित करने की आवश्यकता है।

आयोग ने ये भी कहा कि वो ये महसूस करता है कि एक नियामक तंत्र तैयार करने की आवश्यकता है और चूंकि उच्च शिक्षा का विनियमन राज्य का विषय है, केंद्र सरकार के परामर्श से तंत्र विकसित करने की जिम्मेदारी राज्य की है। यही वजह है कि आयोग ने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी है।

आयोग ने राजस्थान के मुख्य सचिव से घटना की विस्तृत रिपोर्ट अपेक्षित की है। इसमें छात्रों की बड़ी संख्या में रिपोर्ट की गई आत्महत्याओं के मद्देनजर निजी कोचिंग संस्थानों को नियंत्रित करने के लिए नियामक तंत्र के बारे में राज्य द्वारा उठाए गए या उठाए जाने वाले प्रस्तावित कदमों को भी शामिल किया जाना चाहिए। इसके अलावा, इसमें कोटा के विभिन्न निजी संस्थानों में कोचिंग प्राप्त करने वाले छात्रों की मनोवैज्ञानिक और व्यवहार संबंधी असामान्यताओं के मुद्दे को पर्याप्त रूप से संबोधित करने के लिए एक दीर्घकालिक योजना का सूत्रीकरण भी शामिल होना चाहिए।

वहीं उच्च शिक्षा मंत्रालय के सचिव से तकनीकी शिक्षा के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा में सीटों की आनुपातिक वृद्धि की राष्ट्रीय कार्य योजना के निर्माण के बारे में सूचित करने और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वे निजी संस्थानों में कोचिंग करते समय भारी मानसिक और मनोवैज्ञानिक दबाव के बिना एनईईटी में सफलता पाने के लिए कुछ प्रगतिशील और छात्र अनुकूल तंत्र शुरू करने के बारे में सूचित करें।

 

आईएएनएस

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Created On :   15 Dec 2022 12:30 PM IST

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