भारत के मात्र 120 जवानों के आगे ढेर हो गए थे पाकिस्तान के 2 हजार सैनिक, जानिए, 1971 की उस रात को क्या हुआ था
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- 4-7 दिसंबर 1971 की रात को पाकिस्तानी सेना ने लोंगेवाला की ओर कूच किया
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। लोंगेवाला युद्ध भारतीय सेना की साहस, वीरता और पराक्रम की एक अद्भुत गाथा है इस युद्ध में भारतीय सेना के 23 पंजाब की अल्फा कंपनी के महज 120 बहादुर जवानों ने पाकिस्तानी सेना के 2000 सैनिकों और लगभग 68 टेंको के छक्के छुड़ा दिए। 23 पंजाब के मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी के नेतृत्व में अल्फा कंपनी ने लोंगेवाला में मोर्चा संभाला। 4-7 दिसंबर 1971 की रात को पाकिस्तानी सेना ने लोंगेवाला की ओर कूच किया। सूचना मिलते ही मेजर चांदपुरी ने लेफ्टिनेंट धरमवीर के नेतृत्व में 20 सैनिकों की एक छोटी टुकड़ी को सीमा स्तंभ 638 पर भेजा।
लेफ्टिनेंट धर्मवीर ने बताया कि पाकिस्तान की 51 इन्फैंट्री के 38 बलूच, 22 कैवेलरी और शर्मन टैंकों की एक स्क्वाड्रन ब्रिगेड लोंगेवाला की ओर बढ़ रही है। 44 पाकिस्तानी सेना के ब्रिगेड के मुकाबले 23 पंजाब की केवल एक कंपनी होने के बावजूद, मेजर चांदपुरी ने अपने सैनिकों को प्रोत्साहित व हौसला बढ़ाया और उनसे कहा "अगर कोई दुश्मन से डरता है, तो वह भाग सकता है, लेकिन यह बटालियन के लिए शर्म की बात होगी और मैं इस जगह पर अपनी आखिरी सांस तक दुश्मन से लड़ूंगा। जोश, वीरता और कर्तव्य के प्रति समर्पण को देखकर 23 पंजाब के हर सैनिक ने दुश्मन को कुचलने और उनसे लड़ने की ठानी।
एक तरफ दो अल्फा कंपनी की रिकॉइललेस राइफलें पाकिस्तानी सेना के टैंकों पर कहर बरपा रही थीं।दूसरी तरफ सिपाही मथुरादास और सिपाही जमजीत सिंह अपनी लाइट और मीडियम मशीन गन से घातक रूप से घायल हो गए, जिससे अग्रिम सेना का सफाया हो गया। जी 51 दुश्मन की इन्फैंट्री ब्रिगेड। बहादुर सैनिकों ने दुश्मन के सभी अग्रिम प्रयासों को विफल कर दिया। 5 दिसंबर 1971 का सूर्य उदय के साथ भारतीय वायु सेना के हंटर विमानों ने पाकिस्तानी सेना के बचे - कुचे टैंकों पर आसमान से गोले दागने शुरू कर दिए। पाकिस्तानी सेना दहशत में इधर-उधर भागने लगी और छिन्न भिन्न हो गई और वापस खैरपुर की तरफ भाग खड़ी हुई।
अंततः, रामगढ़ में भोजन और जैसलमेर में रात का खाना खाने का पाकिस्तानी सेना का ख्वाब धरा कि धरा रह गया और अपने बचकाने इरादों में विफल रहा। लोगवाला की इस लड़ाई में भारतीय सेना की वीर गाथा में एक नया अध्याय जुड़ गया। इस युद्ध में भारतीय सेना के तीन जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और पाकिस्तानी सेना के 179 जवान शहीद हुए थे, साथ ही उन्होंने 34 टैंकों को भी बर्बाद कर दिया। इनमें से आज भी दो टैंक लोंगे वाला में स्थित है ।
"बॉर्डर" 1997 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म ब्लाकबस्टर युद्ध फ़िल्म है जो इसी भारत-पाकिस्तान के लोंगेवाला युद्ध पर आधारित है। अभिनेता सनी देओल - मेजर कुलदीप सिंह चांदपुरी जैकी श्रॉफ - विंग कमांडर एंडी बाजवा सुनील शेट्टी - कैप्टन भैरों सिंह, बीएसएफ का अभिनय करते हुए नजर आते हैं। यह लड़ाई भारतीय सेना की गौरवशाली परंपरा का एक उदाहरण है वर्तमान में इस स्थान को "लोंगेवाला युद्ध स्मारक" पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है।
सचिन स्वराज की कलम से
Created On :   6 Dec 2021 11:58 AM IST