सुप्रीम कोर्ट ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी की पत्नी को जमानत दी

Kanpur attack: Supreme Court grants bail to wife of slain gangster Vikas Dubeys aide
सुप्रीम कोर्ट ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी की पत्नी को जमानत दी
कानपुर हमला सुप्रीम कोर्ट ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी की पत्नी को जमानत दी
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के सहयोगी और बिकरू हत्याकांड में सह-आरोपी अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे को जमानत दे दी। 3 जुलाई, 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में विकास दुबे को गिरफ्तार करने गए आठ पुलिसकर्मियों पर गैंगस्टर और उसके साथियों ने गोलियां चला दीं और पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी। खुशी दुबे ने भी पूरे मामले में सक्रिय भूमिका निभाई थी और उस पर पुलिसकर्मियों को मारने के लिए गैंगस्टरों को उकसाने का आरोप था।

प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा की दलीलों पर ध्यान दिया कि वह अपराध के समय नाबालिग थी और उसे नियमित जमानत दी जानी चाहिए, क्योंकि मामले में चार्जशीट भी दायर की जा चुकी है।

जमानत देने के साथ शर्त यह होगी कि अभियुक्त को सप्ताह में एक बार संबंधित थाने के थाना प्रभारी (एसएचओ) के समक्ष पेश होना होगा और मुकदमे और जांच में सहयोग करना होगा। खुशी की शादी को सिर्फ सात दिन हुए थे, जब यह घटना हुई थी और पुलिस ने घटना के तुरंत बाद उसे गिरफ्तार कर लिया था। उसके वकील ने कहा कि यह गलत समय पर गलत जगह पर निर्दोष व्यक्ति का मामला है, क्योंकि घटना के सात दिन पहले ही उसकी शादी अमर दुबे से हुई थी।

उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने याचिकाकर्ता की जमानत का विरोध किया और तर्क दिया कि ऐसा आरोप है कि वह भी पुलिस पर हमले में शामिल थी। खुशी ने वकील सुमीर सोढ़ी के माध्यम से शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें उनकी जमानत से इनकार किया गया था। जमानत देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि अपराध के समय याचिकाकर्ता की उम्र 16-17 साल थी।

याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि घटना के दिन वह नाबालिग थी और उसे केवल इसलिए गिरफ्तार किया गया, क्योंकि प्राथमिकी में उसके पति का नाम था और उसने घटना से एक सप्ताह पहले शादी कर ली थी। खुशी ने दावा किया था कि वह विकास दुबे गिरोह की सदस्य नहीं थी।

पुलिस ने कहा था कि विकास दुबे 10 जुलाई को एक मुठभेड़ में मारा गया था, जब उसे उज्जैन से कानपुर ले जा रही एक पुलिस गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी और उसने भागने की कोशिश की थी। बैक टू बैक मुठभेड़ों में अमर दुबे और पांच अन्य भी मारे गए।

 

 (आईएएनएस)

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Created On :   4 Jan 2023 7:01 PM GMT

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