कश्मीर में मंदिरों की प्रॉपर्टी की रक्षा में नाकाम साबित हुई जम्मू कश्मीर सरकार

Jammu and Kashmir government proved unsuccessful in protecting the property of temples in Kashmir
कश्मीर में मंदिरों की प्रॉपर्टी की रक्षा में नाकाम साबित हुई जम्मू कश्मीर सरकार
जम्मू कश्मीर कश्मीर में मंदिरों की प्रॉपर्टी की रक्षा में नाकाम साबित हुई जम्मू कश्मीर सरकार
हाईलाइट
  • कई मंदिरों के लिये प्रबंधन ट्रस्ट या सोसाइटी का गठन किया

डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर सरकार का राजस्व विभाग मंदिरों की प्रापर्टी की रक्षा करने में नाकाम साबित हुआ है और वह संबंधित मंदिर प्रबंधन द्वारा निजी लाभ के लिये लीज पर दी गयी मंदिरों की प्रापर्टी को खाली भी नहीं करा पा रहा है।

राजस्व विभाग पर यह आरोप कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिये संघर्ष कर रहे सोशल एक्टिविस्ट एवं रिकॉन्सिलेशन, रिटर्न एंड रिहैबिलेशन ऑफ माइग्रेंट्स के अध्यक्ष सतीश महलदार ने लगाया है। सतीश का कहना है कि घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन के बाद जम्मू कश्मीर सरकार की मिलीभगत से कुछ चुनिंदा लोग साल 1989 से 2022 के बीच मंदिरों के ट्रस्ट को चला रहे हैं। इन्हीं लोगों ने मंदिरों की प्रापर्टी या तो लीज पर दे दी या उसे बेच दिया।

उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद मंदिरों की प्रापर्टी बेचने की अनुमति दी गयी जबकि प्रवासियों की सभी प्रापर्टी के संरक्षक संबंधित जिला उपायुक्त होते हैं। सतीश महलदार ने कहा कि राज्य सरकार ने इन ट्रस्ट या सोसाइटी के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा ,हमें संदेह है कि सरकार मंदिरों की प्रापर्टी बेचने में शामिल अपने कर्मचारियों को बचा रही है। उन्होंने उपराज्यपाल से आग्रह किया कि इस मामले की जांच की जिम्मेदारी विशेष जांच दल को सौंपी जाये और इस पूरे मामले में जिम्मेदार अधिकारियों को चिह्न्ति किया जाये।

उन्होंने आरोप लगाया कि दिवालिया हो चुके मंदिर ट्रस्ट और सोसाइटियों ने न तो कभी बैलेंसशीट की ऑडिट रिपोर्ट जमा कराई, न कभी मीटिंग में लिये फैसलों की जानकारी सरकार को दी और न ही कभी चुनाव कराया। सतीश महलदार ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार मंदिरों की बेची गयी प्रापर्टी, किराये पर दी गयी या लीज पर दी गयी प्रापर्टी वापस ली जाये।

उन्होंने साथ ही प्रवासी कश्मीरियों पर आरोप लगाया कि ये लोग पिछले 32 साल से कश्मीर में नहीं रह रहे लेकिन उन्होंने घाटी के कई मंदिरों के लिये प्रबंधन ट्रस्ट या सोसाइटी का गठन किया हुआ है और वे इसके लिये जनता से पैसे भी ले रहे हैं। इनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिये। सतीश महलकार ने राज्य प्रशासन से अनुरोध किया है कि उसे सभी दिवालिया मंदिर ट्रस्ट एवं सोसाइटी के बैंक खाते जब्त करने चाहिये और उसके बाद संबंधित मंदिरों के सोसाइटी के रजिस्ट्रार या उपायुक्त की निगरानी में नयी संचालन समिति का गठन करना चाहिये। उनके मुताबिक कश्मीर घाटी में ऐसे 100 से अधिक मंदिर ट्रस्ट या सोसाइटी हैं और इनकी पूरी सूची प्रशासन को सौंपी गयी है।

 

 (आईएएनएस)

Created On :   18 April 2022 1:30 PM IST

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