अयोध्या विवाद पर रिव्यू पिटिशन दायर नहीं करेगा जमीयत उलेमा-ए-हिंद
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर मुस्लिम पक्षकार जमीयत उलेमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल ना करने का फैसला लिया है।मुस्लिम पक्षकार ने गुरुवार को कहा कि जमीयत उलमा-ए-हिंद ने एक प्रस्ताव पारित किया है कि "वह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और वक्फ संपत्तियों द्वारा प्रबंधित बाबरी मस्जिद और मस्जिदों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल नहीं करेगा।" बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इस विवाद पर अपना फैसला सुना चुका है, जिसके मुताबिक विवादित जमीन पर मालिकाना हक रामलला का है। वहीं मुस्लिम पक्ष को किसी दूसरे स्थान पर 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाएगी।
Jamiat Ulama-i-Hind has issued a clarification that "Jamiat Ulama-i-Hind has passed a resolution that it will not file review petition against the Supreme Court verdict on Babri Masjid mosques managed by Archaeological Survey of India (ASI) and Waqf properties." https://t.co/NZz6vR8Sc4
— ANI (@ANI) November 21, 2019
सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दाखिल ना करने के फैसले से पहले अजीमुल्ला सिद्दिकी ने गुरुवार को ही बताया था कि जमीयत उलेमा ए हिंद ने एक प्रस्ताव पास किया है, जिसके मुताबिक कमेटी ने कोर्ट के फैसले के खिलाफ समीक्षा याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है। जमीयत उलेमा ए हिंद ने अपना याचिका दाखिल करने का ख्याल बदल दिया है, लेकिन इसका कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है। हालांकि कमेटी मस्जिद बनाने के लिए मिलने वाली 5 एकड़ जमीन को नामंजूर कर चुकी है।
बता दें कि जमीयत उलेमा ए हिंद के मौलाना अरशद मदनी भी बीते रविवार को कह चुके थे कि हमारी पुनर्विचार याचिका शत प्रतिशत खारिज कर दी जाएगी। उन्होंने कहा था कि "हम जानते हैं कि हमारी पुनर्विचार याचिका 100% खारिज कर दी जाएगी, लेकिन इसके बावजूद भी हम याचिका दायर करेंगे, क्योंकि यह हमारा अधिकार है।"
AIMPLB की ख्वाहिश
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मस्जिद बनाने के लिए मिलने वाली 5 एकड़ जमीन को नामंजूर कर दिया है। साथ ही AIMPLB फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर करना चाहता है। AIMPLB ने बीते रविवार को लखनऊ के मुमताज पीजी कॉलेज में बैठक की थी, जिसमें फैसला लिया गया था कि AIMPLB अयोध्या फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करेगा।
बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा था कि "हम कोर्ट के फैसले को चुनौती देंगे और हमें किसी और जगह मस्जिद मंजूर नहीं है। "उन्होंने कहा था कि "गुंबद के नीचे राम के जन्मस्थान होने के कोई प्रमाण नहीं हैं। हमने विवादित भूमि के लिए लड़ाई लड़ी थी और हमें उसी जगह मस्जिद बनाने के लिए जमीन चाहिए।"
Created On :   21 Nov 2019 12:40 PM GMT