INX केस: चिदंबरम को झटका, SC ने 27 नवंबर तक स्थगित की सुनवाई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। INX मीडिया मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम की सुनवाई 27 नवंबर यानी बुधवार तक स्थगित कर दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) का पक्ष रखने वाले वकील तुषार मेहता जम्मू-कश्मीर की दलीलों की सुनवाई में व्यस्त थे, इस कारण चितंबरम की सुनवाई को स्थगित किया गया है। इसके बाद चिदंबरम की पैरवी कर रहे कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कोर्ट से चिदंबरम की सुनवाई के लिए अनुरोध किया कि आगे किसी भी स्थगन की अनुमति ना दी जाए।
Supreme Court adjourns for tomorrow an appeal of Congress leader P Chidambaram’s plea challenging the Delhi High Court order refusing bail to him in INX Media money laundering case. pic.twitter.com/DjV4MFNTuo
— ANI (@ANI) November 26, 2019
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 15 नवंबर को ED मामले में चिदंबरम की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के इसी फैसले को चिदंबरम ने चुनौती दी है, जिस पर कोर्ट ने मंगलवार या बुधवार को सुनवाई करने को कहा था। इससे पहले 20 नवंबर को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट, चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 27 नवंबर तक बढ़ा चुकी है। वह अभी ED मामले में तिहाड़ जेल में बंद है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने चिदंबरम की याचिका खारिज करते हुए कहा था कि "INX मीडिया मामले में चिदंबरम पर लगे आरोप गंभीर हैं और उनकी इस मामले में सक्रिय भूमिका रही है।" कोर्ट ने यह भी कहा था कि "इसमें कोई संदेह नहीं है कि जमानत सही है, लेकिन यदि ऐसे मामलों में जमानत दी जाती है तो यह बड़े पैमाने पर जनता के हित के खिलाफ होगा।
जमानत के योग्य नहीं चिदंबरम
इससे पहले 2 नवंबर को जस्टिस सुरेश कुमार कैत ने ED को चिदंबरम की जमानत याचिका पर जवाब देने के लिए कहा था। ED ने अपने जवाब में बताया था कि चिदंबरम द्वारा किए गए अपराधों की गंभीरता के चलते वह कोर्ट से राहत पाने के योग्य नहीं है। ED के मुताबिक यदि चिदंबरम को जमानत दी जाती है तो इससे समाज में भ्रष्टाचार के खिलाफ गलत संदेश पहुंचेगा। बता दें कि ED लगातार चिदंबरम को जमानत दिए जाने का विरोध कर रही है। उसका कहना है कि चिदंबरम एक प्रभावशाली नेता है, ऐसे में यदि उन्हें जमानत दी जाती है तो वह INX मीडिया मामले से जुड़े संभावित सबूतों और गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
क्या है मामला?
कांग्रेस नेता चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने वित्त मंत्री के पद पर रहते हुए साल 2007 में INX मीडिया को 305 करोड़ रुपए लेने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मंजूरी दिलाई थी, जिस पर ED ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। वहीं इससे पहले CBI भी चिदंबरम के खिलाफ मई, 2017 में केस दर्ज कर चुकी थी। इसी के चलते 21 अगस्त को चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया, तब से वह अब तक न्यायिक हिरासत में ही है। हालांकि CBI मामले में चिदंबरम को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
Created On :   26 Nov 2019 4:15 PM IST