न्यूक्लियर हमला करने वाली 6 पनडुब्बियां और 18 अटैक सबमरीन बनाएगी भारतीय नौसेना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारतीय नौसेना अपनी मारक क्षमता बढ़ाने के लिए अपने बेड़े में 24 नई पनडुबब्बियां शामिल करने की योजना बना रही है। इनमें से 6 पनडुब्बियां न्यूक्लियर हमला करने में सक्षम होंगी, जबकि 18 परंपरिक अटैक सबमरीन होंगी। रक्षा संबंधी स्थाई समिति ने यह जानकारी संसद के शीतकालीन सत्र में पेश की गई रिपोर्ट में दी है। नौसेना के पास वर्तमान में सेना के पास 15 पनडुब्बियां हैं और वहीं एक एसएसएन पनडुब्बी लीज पर उपलब्ध है। इनमें से 13 पारंपरिक पनडुब्बियां 17 से 31 साल पुरानी हैं।
Indian Navy planning to build six nuclear attack submarines: Navy to Parliamentary panel
— ANI Digital (@ani_digital) December 29, 2019
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अरिहंत क्लास पनडुब्बी परमाणु हमला करने में सक्षम
इंडियन नेवी ने अरिहंत क्लास एसएसबीएन के अलावा छह न्यूक्लियर अटैक सबमरीन्स बनाने की योजना बनाई है। अरिहंत पनडुब्बियां ईंधन से चलती हैं, इसके साथ ही परमाणु हमला करने की क्षमता रख सकती है। न्यूक्लियर अटैक सबमरीन्स का निर्माण देश में ही किए जाने की योजना है, इसके लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ भागीदारी की जाएगी।
रूसी, जर्मन और फ्रेंच स्कॉर्पीन पनडुब्बियों का इस्तेमाल कर रही नौसेना
मौजूदा समय में नौसेना रूस की किलो वर्ग, जर्मन मूल की एचडीडब्ल्यू वर्ग और पारंपरिक डोमेन में नवीनतम फ्रेंच स्कॉर्पियन क्लास की पनडुब्बियों का इस्तेमाल कर रही है, जबकि परमाणु श्रेणी में उसने रूस से एक आईएनएस चक्र (अकुला वर्ग) को लीज पर लिया है। नौसेना ने संसदीय समिति को यह भी बताया कि पिछले 15 साल में केवल दो नई पारंपरिक पनडुब्बियों को शामिल किया गया है। ये स्कॉर्पीन श्रेणी के जहाज आईएनएस कलवरी और आईएनएस खंडेरी है।
नौसेना प्रोजेक्ट 75 पर कर रही काम
समिति की रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा 13 पारंपरिक पनडुब्बियों की आयुसीमा 17 से 31 साल के बीच है। नौसेना प्रोजेक्ट 75 इंडिया के तहत छह नई पनडुब्बियों के निर्माण पर भी काम कर रही है। नौसेना द्वारा भारतीय कंपनियों और विदेशी मूल की उपकरण निर्माताओं के साथ छह और पारंपरिक पनडुब्बियों का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना रणनीतिक साझेदारी नीति के तहत शुरू की जाएगी।
Created On :   29 Dec 2019 11:07 PM IST