भारत ने रूस के साथ किया 28 समझौतों पर हस्ताक्षर, अफगानिस्तान व चीन के मुद्दों पर भी हुई चर्चा

India signed 28 agreements with Russia, issues of Afghanistan and China were also discussed
भारत ने रूस के साथ किया 28 समझौतों पर हस्ताक्षर, अफगानिस्तान व चीन के मुद्दों पर भी हुई चर्चा
नई दिल्ली भारत ने रूस के साथ किया 28 समझौतों पर हस्ताक्षर, अफगानिस्तान व चीन के मुद्दों पर भी हुई चर्चा
हाईलाइट
  • अफगानिस्तान आतंकवाद के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह न बनें
  • दोनों देश ने किए 28 समझौतों पर हस्ताक्षर
  • पुतिन ने भारत को एक महान शक्ति बताया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और रूस के बीच सोमवार को व्यापार, निवेश और अफगानिस्तान की स्तिथि सहित तमाम मुद्दों पर सहयोग और समन्वय बढ़ाने पर सहमति हुई। बता दें कि दोनो पक्षों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही आतंकवाद से खतरा और अफगानिस्तान में उभरती स्थिति जैसी बड़ी चुनौतियों से निपटने में सहयोग व समन्वय का संकल्प लिया।

विदेश सचिव ने ये जानकारी दी
आपको बता दें कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि रूस ने भारत को अपनी लंबी दूरी की एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली की डिलीवरी शुरू कर दी है। श्रृंगला ने कहा, इस महीने एस-400 की आपूर्ति शुरू हो गई है और आगे भी होती रहेगी। 

दोनो पक्षों के बीच हुए समझौते

आपको बता दें कि दोनों देशों ने 2021-31 के दौरान रक्षा सहयोग के कार्यक्रम पर एक समझौता किया और एक नया संयुक्त उद्यम बनाने के लिए भारत द्वारा 600,000 से अधिक AK-203 असॉल्ट राइफलों की खरीद के लिए एक समझौता किया। गौरतलब है कि दोनों पक्षों ने 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार को 30 अरब डॉलर और द्विपक्षीय निवेश को 50 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। पीएम मोदी और पुतिन ने रूस से आवश्यक वस्तुओं की लंबी अवधि की खरीद, व्यापार बाधाओं को खत्म करने सहित आर्थिक सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की है। इसके साथ ही कनेक्टिविटी विकल्प जैसे अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण व्यापार गलियारा और चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारा पर भी बात की है।

भारत एक महान शक्ति है

आपको बता दें कि देश के पीएम नरेंद्र मोदी ने शिखर सम्मेलन में अपने उद्धाटन भाषण में कहा कि विश्व मंच पर कई मुलभूत परिवर्तनों के बावजूद भारत-रूस मित्रता स्थिर बनी हुई है और दोनों देशों ने एक-दूसरे की संवेदनशीलता पर ध्यान देते हुए निकट सहयोग किया है। वहीं पुतिन ने अपने उद्धाटन भाषण में भारत को एक महान शक्ति और एक समय पर काम आने वाले मित्र के रूप में वर्णित किया है। उन्होंने कहा कि रूस भारत के साथ सैन्य-तकनीकी क्षेत्र में इस तरह से काम करता है कि हम अपने किसी भी साथी के साथ इस तरह काम नहीं करते हैं

अफगानिस्तान पर हुई चर्चा

आपको बता दें कि विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि दोनों पक्ष समाज के सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाली समावेशी सरकार के साथ एक शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए काम करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर भी स्पष्ट थे कि अफगानिस्तान के क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी आतंकवादी गतिविधि को पनाह देने, प्रशिक्षण देने, योजना बनाने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

आतंकवाद के मुद्दे पर दोनों देश एकजुट हुए

आपको बता दें कि दोनों पक्षों ने आतंवाद के मुद्दे पर एकजुटता दिखाई है तथा कहा है कि आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ सहयोग तेज करने का आग्रह किया। जिसमें आतंकी वित्तपोषण, सुरक्षित पनाहगाह,  हथियारों और नशीली दवाओं की तस्करी, कट्टरता और आईसीटी के दुर्भावनापूर्ण उपयोग शामिल हैं। दोनों पक्षों में विशेष रूप से इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने से रोकने के संदर्भ में संदर्भित किया गया और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था कि अफगानिस्तान कभी भी वैश्विक आतंकवाद के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनेगा।

चीन पर भारत का बड़ा हमला

आपको बता दें कि चीन का नाम लिए बिना रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि भारत अपने पड़ोस के असाधारण सैन्यीकरण और उत्तरी सीमा पर अकारण आक्रामकता से उत्पन्न चुनौतियों से जूझ रहा है, और देश ऐसे भागीदारों की तलाश कर रहा है जो भारत की सैन्य आवश्कताएं पूरी करे। 


   

Created On :   7 Dec 2021 12:44 AM IST

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