कोविड की नई विश्व व्यवस्था के बाद भारत को विश्व नेता के रूप में उभरना चाहिए

India should emerge as a world leader after the new world order of covid
कोविड की नई विश्व व्यवस्था के बाद भारत को विश्व नेता के रूप में उभरना चाहिए
आजादी का अमृत महोत्सव कोविड की नई विश्व व्यवस्था के बाद भारत को विश्व नेता के रूप में उभरना चाहिए
हाईलाइट
  • संकट ने सिखाया नया सबक- पीएम मोदी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को आजादी का अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत को कोविड की नई विश्व व्यवस्था के बाद विश्व नेता के रूप में उभरना चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को दिल्ली में आजादी का अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक को संबोधित किया। बैठक में लोकसभा अध्यक्ष, राज्यपालों, केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, राजनीतिक नेताओं, अधिकारियों, आध्यात्मिक नेताओं, कलाकारों और फिल्म हस्तियों और अन्य क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तियों सहित राष्ट्रीय समिति के विभिन्न सदस्यों ने भाग लिया। सचिव संस्कृति गोविंद मोहन ने आजादी का अमृत महोत्सव की गतिविधियों की समीक्षा पर प्रस्तुति दी।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हम ऐसे समय में आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं जब पूरी दुनिया कोविड संकट से गुजर रही है और हम भी इससे अछूते नहीं हैं। संकट ने हम सभी को नया सबक सिखाया है और मौजूदा ढांचे को तोड़ दिया है जिससे कोविड के बाद के युग में एक नई विश्व व्यवस्था का उदय होगा। इसलिए, जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, हमें भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना करनी चाहिए।

प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह 2047 पर अपनी नजरें जमाने का एक उपयुक्त समय है, जब देश स्वतंत्रता के 100 वर्ष मनाएगा। यह उस समय है जब वर्तमान पीढ़ी मामलों की कमान संभालेगी और देश का भाग्य उनके हाथों में होगा। इसलिए यह तय करना महत्वपूर्ण है कि हमें अभी उनमें क्या शामिल करना चाहिए, ताकि वे भविष्य में देश के लिए बड़ा योगदान दे सकें। प्रधान मंत्री ने आगे विस्तार से बताया कि वर्तमान पीढ़ी के लिए राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान देने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें एक बेहतर भारत बनाने के लिए कर्तव्य के महत्व के बारे में बताएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने हमेशा अपने अधिकारों पर जोर दिया है और संघर्ष किया है, लेकिन अपने कर्तव्यों का पालन करने में महानता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब हम धार्मिक रूप से अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं तभी हम दूसरों के अधिकारों को स्वत: सुनिश्चित कर पाते हैं। इसलिए जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए और देश के लिए सार्थक योगदान देने का संकल्प हमारा मुख्य संकल्प होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव युवाओं में कर्तव्य की भावना का बीज बोएगा।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कहा कि वर्तमान पीढ़ी एक नया भविष्य बनाने की प्रेरणा से भरी हुई है। लेकिन यह याद रखना चाहिए कि भविष्य हमेशा अतीत की गोद में होता है। यह इस प्रकाश में है कि हमें अपने पूर्वजों को नहीं भूलना चाहिए। जिन्होंने देश के लिए अपने युवाओं, अपने जीवन और अपने परिवारों का बलिदान दिया है। प्रधानमंत्री ने सभी सदस्यों से अपील की कि अमृत महोत्सव के उत्सव में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए काम करते हुए, हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों और स्वतंत्रता आंदोलन के गुमनाम नायकों को सम्मान देने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए।

प्रधान मंत्री ने कहा कि जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हैं, हमें 2047 के लिए अपने लिए नए लक्ष्य निर्धारित करने के लिए एक केंद्रित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए। समिति के सदस्यों ने आजादी का अमृत महोत्सव के आयोजन के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए अमृत महोत्सव के तहत उनके द्वारा की गई गतिविधियों का अवलोकन किया और अभियान को और मजबूत करने के लिए अपने सुझाव और इनपुट भी दिए। अपने स्वागत भाषण में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अभियान के उद्देश्यों और पांच स्तंभों के बारे में जानकारी दी। अपने समापन भाषण में उन्होंने प्रधानमंत्री और राष्ट्रीय समिति के सदस्यों को अपना बहुमूल्य सुझाव और समय देने के लिए आभार व्यक्त किया।

 

(आईएएनएस)

Created On :   23 Dec 2021 12:30 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story