India-China Dispute: LAC के पास चीनी सेना के 7 एयरबेस कुछ दिन से बेहद सक्रिय, भारतीय एजेंसियों की पैनी नजर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। एलएसी के पास चीन की वायु सेना के 7 एयरबेस पर भारतीय वायुसेना और एजेंसियां पैनी नजर बनाए हुए हैं। हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए भारत की सेना तैयार है। न्यूज एजेंसी एएनआई को सरकारी सूत्रों ने बताया कि शिंजियांग और तिब्बत रीजन में वे होतान, गर गुंसा, काशघर, हॉपिंग, कोंका झांग, लिंझी और पंगत एयरबेस पर नजदीकी से नजर बनाए हुए हैं। पिछले कुछ समय से ये एयरबेस बहुत ज्यादा सक्रिय हैं।
सूत्रों के अनुसार हाल के दिनों में चीन की वायु सेना ने इन बेस को उन्नत बनाने पर काम किया है। यहां मजबूत शेल्टर बनाए गए हैं, रनवे की लंबाई बढ़ाई गई है और अधिक कार्रवाइयों को अंजाम देने के लिए अतिरिक्त बल भी तैनात किया गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार उत्तर-पूर्वी राज्यों के सामने स्थित लिंझी एयरबेस मुख्यत: एक हेलीकॉप्टर बेस है। लेकिन, चीन ने यहां से भारतीय राज्यों पर अपनी निगरानी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए हेलीपैड्स का एक नेटवर्क तैयार किया है।
नॉर्थ ईस्ट में निगरानी के लिए PLAAF ने नेटवर्क बनाया
नॉर्थईस्ट के दूसरी ओर स्थित लिंझी एयरबेस मुख्य तौर पर एक हेलिकॉप्टर एयर बेस है। यहां पर PLAAF ने हेलिपैड का नेटवर्क डेवलप किया है ताकि इस इलाके में निगारनी के ऑपरेशन को बढ़ाया जा सके। सूत्रों ने बताया कि लद्दाख सेक्टर और अन्य अहम इलाकों पर चीन ने अपने एयर बेस पर सुखोई-30, जे सीरीज के फाइटर जेट, बॉम्बर प्लेन तैनात किए हैं और भारतीय एजेंसियां इन पर सैटेलाइट और दूसरे माध्यमों से नजर रख रही हैं।
लड़ाकू विमानों की तैनाती कर रही चीनी वायु सेना
चीनी वायु सेना लद्दाख सेक्टर के पास अपने लड़ाकू विमानों की तैनाती कर रही है। इसमें सुखोई-30 का चीनी संस्करण और जे-सीरीज के लड़ाकू विमान भी शामिल हैं। हालांकि, भारतीय एजेंसियां सैटेलाइट और अन्य माध्यमों से इन पर कड़ी और लगातार नजर बनाए हुए हैं।
चीन के लड़ाकू विमानों पर भारी हैं भारतीय फाइटर जेट
चीन की एयरफोर्स की एक्टिविटी को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने भी ऊंचाई वाले इलाकों में अपनी एक्टिविटी बढ़ा दी है। इस इलाके में सुखोई- 30एमकेआई, मिग-29 और मिराज-2000 जैसे फाइटर जेट फॉरवर्ड लोकेशन पर तैनात किए गए हैं ताकि चीन की किसी भी हरकत का जवाब दिया जा सके। इसके अलावा चीन की एयरफोर्स पर भारतीय वायुसेना को बढ़त हासिल है। इसकी वजह यह है कि चीन के फाइटर जेट्स को बेहद ऊंचाई वाले इलाकों से टेकऑफ करके उड़ान भरनी होगी, जबकि भारतीय फाइटर जेट जमीनी इलाकों से उड़ान भर कर बिना वक्त गंवाए फॉरवर्ड लोकेशन पर पहुंच सकते हैं।
Created On :   20 Aug 2020 7:33 PM IST