स्कैम : IMA फाउंडर ने जारी किया वीडियो, कहा- वापस भारत लौटना चाहता हूं
- आईएमए ज्वेल्स के मालिक मोहम्मद मंसूर खान भारत लौटना चाहते है
- भ्रष्ट राजनेताओं और अधिकारियों के नाम उजागर करने का किया दावा
- मंसूर खान पर 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला करने का आरोप है
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। आई मॉनेटरी एडवाइजरी (आईएमए) ज्वेल्स के मालिक मोहम्मद मंसूर खान भारत लौटना चाहते हैं। रविवार को खान ने अपनी ऑफिशियल ई-मेल आईडी से एक 18 मिनट का एक वीडियो जारी कर भारत लौटने और निवेशकों के पैसे लौटाने की बात कही है। बता दें कि मंसूर खान पर 1700 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला करने का आरोप है।
मंसूर खान ने कहा कि वह भारत लौटना चाहते हैं और उन भ्रष्ट राजनेताओं और अधिकारियों के नाम उजागर करने के लिए तैयार हैं, जिन्होंने उनसे पैसों की उगाही की है और जो लोग उनके बिजनेस वेंचर के पतन के पीछे हैं। अपनी फर्म के फाइनेंशियल ऑपरेशन में गड़बड़ी के बाद खान 8 जून को देश छोड़कर भाग गए थे। निवेशकों ने उनकी कंपनी के खिलाफ हजारों शिकायतें दर्ज की थीं जिन्होंने दावा किया था कि उन्हें हाई रिटर्न देने का वादा किया गया था। निवेशकों ने कहा कि उन्होंने उनकी मेहनत की कमाई इसमें लगाई थी, लेकिन उन्हें इसमें धोखा मिला।
भारत से भाग जाने के बाद अपने पहले वीडियो में, खान ने कहा कि उन्होंने 14 जून को भारत लौटने के लिए उड़ान भरी थी, लेकिन उन्हें फ्लाइट से उतार दिया गया। उनसे इमिग्रेशन अधिकारियों से संपर्क करने के लिए भी कहा गया था, लेकिन जुमा होने की वजह से डिपार्टमेंट में किसी से संपर्क नहीं हो सका। सीबीआई जांच की मांग करते हुए खान ने कई राजनेताओं और बिल्डरों के इसमें शामिल होने की बात कही है। उन्होंने उनकी और उनके परिवार की जान को खतरा भी बताया है।
उन्होंने IMA के डायरेक्टर, राजनेताओं और सरकारी अधिकारियों पर भी गंभीर आरोप लगाए। सरकारी अधिकारियों में एक आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं। खान ने इस सभी लोगों को IMA के पतन का जिम्मेदार बताया। वीडियो में खान ने न्यू सिटी पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार से अनुरोध किया है कि वह भारत वापस आने में मदद करें और उनकी टिकट बुक करने के लिए मदद करें।
खान ने ये भी दावा किया कि वह सालों से 21000 परिवारों की आमदानी का जरिया बने हुए थे। उन्होंने करीब 12 हजार करोड़ का प्रॉफिट इंवेस्टर को दिया है। 2000 करोड़ का कैपिटल रिटर्न भी कर दिया है। मंसूर ने 2006 में इस कंपनी की स्थापना की थी और निवेशकों से कहा था कि यह संस्था बुलियन में निवेश करेगी और निवेशकों को 7-8 प्रतिशत रिटर्न देगी। लेकिन इस्लाम में ब्याज से मिली रकम को इस्लाम विरोधी माना जाता है इसलिए उन्होंने धर्म का कार्ड खेलते हुए निवेशकों को ‘बिजनेस पार्टरनर’ का दर्ज दिया।
Created On :   23 Jun 2019 10:55 PM IST