ब्रह्मोस मिसाइल का सुखोई फाइटर जेट से परीक्षण, 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 290 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज वाली सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल का बुधवार को अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में एक फ्रंटलाइन सुखोई -30 एमकेआई फाइटर जेट से परीक्षण किया गया। हवा से सतह पर मार करने में सक्षम 2.5 टन वजनी मिसाइल वाली इस मिसाइल के सफलता पूर्ण परीक्षण के बाद भारतीय वायुसेना की ताकत में बढ़ोतरी होगी।
यह ब्रह्मोस मिसाइल के एयर-लॉन्च वर्जन की दूसरी टेस्ट फायरिंग थी। इससे पहले नवंबर 2017 में बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहली बार ब्रह्मोस मिसाइल के एयर-लॉन्च वर्जन की टेस्टिंग की गई थी। ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल ध्वनि की गति से करीब तीन गुना अधिक 2.8 मैक गति से लक्ष्य को भेदेने में सक्षम है। IAF के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने कहा, "बुधवार को एयरक्राफ्ट से किया गया 2.5 टन वजनी मिसाइल का प्रक्षेपण स्मूथ था। मिसाइल ने जमीन पर टार्गेट को हिट करने से पहले सही ट्रेजेटरी को फॉलो किया।
उन्होंने कहा फाइटर जेट सुखोई-30 एमकेआई पर ब्रह्मोस का मर्जर एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया थी। इसके लिए एयरक्राफ्ट पर मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर मॉडिफिकेशन करने पड़े। उन्होंने कहा कि मिसाइल की क्षमता सुखोई-30 एमकेआई विमानों के शानदार प्रदर्शन के साथ इंडियन एयरफोर्स को स्ट्रेटेजिक रीच प्रदान करती है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस भारत-रूस का संयुक्त उपक्रम है। इसने सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का निर्माण किया है जो पनडुब्बी, जहाज, विमान या सतह से मार कर सकता है।
ब्रह्मोस मिसाइल, की रेंज को अब सुखोई-30 एमकेआई फाइटर के साथ मिलकर बढ़ाया गया है। यह मिड-एयर रिफ्यूलिंग के बिना 3,200 किलोमीटर की क्रूज़िंग रेंज या 1,500 किलोमीटर की कॉम्बेट रेडियस में लक्ष्य भेदने में सक्षम है। यह एक घातक हथियार के पैकेज को बनाता है। इसका उपयोग आतंकी शिविरों, भूमिगत परमाणु बंकरों, हाई सी पर एयरक्राफ्ट कैरियर और अन्य मिलिट्री टार्गेट के लिए किया जा सकता है। यह "स्टैंड-ऑफ" दूरियों से दिन या रात और सभी मौसम की स्थितियों में लक्ष्य को भेदने में सक्षम है।
Created On :   23 May 2019 1:03 AM IST