हिमाचल में CM को लेकर कन्फ्यूज है BJP, ये हो सकते हैं उम्मीदवार
डिजिटल डेस्क, शिमला। हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है। मगर सत्ता हासिल करने का सपना संजोए भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक अपने एक भी कैंडिडेट के नाम का ऐलान नहीं किया है। जबकि बीजेपी की सबसे बड़ी परेशानी हिमाचल के सीएम कैंडिडेट को लेकर है। बता दें 16 अक्टूबर से नामांकन दाखिल होना शुरू हो जाएगा और 23 अक्टूबर को खत्म हो जाएगा। मगर बीजेपी अभी तक CM कैंडिडेट को लेकर कन्फ्यूज है।
पीएम मोदी से थी उम्मीद
पीएम नरेंद्र मोदी के हिमाचल दौरे के दौरान भाजपा कार्यकर्ता सीएम पद के चेहरे को लेकर संकेत ढूंढ़ते रहे, लेकिन पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं को अपने तरफ से कोई संकेत नहीं दिया। जिससे कार्यकर्ता इस वक्त जेपी नड्डा और प्रेम कुमार धूमल के बीच बने खेमों में जूझ रहा है। वहीं राज्य के बीजेपी नेताओं के समर्थकों का कहना है कि सबको पता है कौन मुख्यमंत्री उम्मीदवार बनेगा।
नड्डा नहीं भी हो सकते हैं CM कैंडिडेट
पीएम मोदी ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा के गृह जिले में एम्स का शिलान्यास किया। वहीं अपने सम्बोधन में उनकी तारीफ करते हुए कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत सी योजनाएं चलाई हुई है। उन योजनाओं में से एक योजना इंद्र धनुष है जिसे पुरे देश में एक समान चलाया हुआ है। ये संकेत था कि जगत प्रकाश नड्डा को प्रधानमंत्री अपनी टीम का हिस्सा बनाये रखेंगे। मतलब नड्डा को हिमाचल में सीएम चेहरा नहीं बनाया जाएगा। मगर इसके विपरीत बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता कुछ ओर ही राग अलापते नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस का "जवाब मांगे हिमाचल" कैंपेन
दो नेताओं के समर्थक हिमाचल में अपने लीडर के पक्ष में माहौल बनाने में जुटे हैं। एक तरफ बीजेपी राज्य में कांग्रेस सरकार के खिलाफ "जवाब मांगे हिमाचल" कैंपेन चला रही है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं के समर्थक "सीएम कौन" का जवाब दे रहे हैं। बीजेपी के ज्यादातर नेता भी मान रहे हैं कि पार्टी को सीएम फेस के साथ मैदान में उतरना चाहिए। दो बार सीएम रहे बीजेपी के सीनियर नेता प्रेम कुमार धूमल भी कह चुके हैं कि पार्टी को सीएम उम्मीदवार घोषित करना चाहिए।
प्रेम कुमार धूमल की दावेदारी कमजोर
पार्टी नेताओं की माने तो उम्र के फार्मूले की जद में आने की वजह से नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की दावेदारी कमजोर है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सम्बोधन में धूमल की भी तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में हिमाचल में काफी काम किए हैं, जिसकी वजह से धूमल को बिजली और सड़क वाले मुख्यमंत्री के नाम से जाना जाता है। प्रधानमंत्री यह सब तो कह गए लेकिन भाजपा का आम कार्यकर्ता जिसकी आस प्रधानमंत्री से लिए बैठा हुआ था वह अभी भी इसी असंजस में है कि आने वाले चुनावों में किसके नेतृत्व में आगे बढ़े।
...तो ये डर सता रहा है BJP को
सीएम कैंडिडेट को लेकर बीजेपी को सबसे बड़ा डर बगावत का सता रहा है। पार्टी को डर है कि कहीं चुनावों से पहले सीएम पद के दावेदार के तौर पर जेपी नड्डा के नाम की घोषणा कर दी गई, तो पार्टी में बड़े पैमाने पर बगावत हो सकती है। यही वजह है कि भाजपा इस मामले में फूंक फूंक कर कदम रख रही है। दरअसल नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल और उनके समर्थक किसी भी पर अपनी दावेदारी छोडने के मूड में नहीं है। पार्टी को लगता है कि अगर चुनावों से पहले ही धूमल को किनारे किया गया, तो उनके सर्मथकों से निपटना आसान नहीं होगा। अब देखना होगा कि भाजपा अपने पत्ते समय रहते खोलती भी है कि नहीं।
बता दें 16 अक्टूबर से नामांकन दाखिल होना शुरू हो जाएगा और 23 अक्टूबर को खत्म हो जाएगा। हिमाचल में मतदान नौ नवंबर को है, जबकि मतगणना 18 नवंबर को होगी।
Created On :   15 Oct 2017 7:36 PM IST