राज्यपाल ने शिवसेना से पूछा- क्या सरकार बनाएंगे? NCP ने समर्थन के बदले रखी शर्त
डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। इस बीच रविवार को भारतीय जनता पार्टी के सरकार बनाने से इनकार के बाद राज्यपाल ने शिवसेना से सरकार बनाने के लिए पूछा है। उधर एनसीपी ने शिवसेना के सामने समर्थन देने के बदले एनडीए से नाता तोड़ने की शर्त रख दी है। शिवसेना के नेता एनसीपी प्रमुख शरद पवार से सोमवार को मुलाकत करने वाले हैं।
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा, "हमने 12 नवंबर को अपने विधायकों की बैठक बुलाई है। यदि शिवसेना हमारा समर्थन चाहती है, तो उन्हें यह घोषणा करनी होगी कि उनका भाजपा के साथ कोई संबंध नहीं है और उन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर होना होगा। उनके सभी मंत्रियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना होगा।" मलिक ने कहा, "अभी हमें शिवसेना से कोई प्रस्ताव नहीं मिला है।"
इससे पहले महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाने से मना कर दिया। रविवार को बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस, महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और अन्य नेताओं ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की जिसके बाद इसका ऐलान किया। पाटिल ने कहा, "हम राज्य में सरकार नहीं बनाएंगे।" उन्होंने कहा, "जनादेश हमें (भाजपा-शिवसेना) को एक साथ काम करने के लिए दिया गया था अगर शिवसेना इसका अनादर करना चाहती है और कांग्रेस-राकांपा के साथ सरकार बनाना चाहती है तो हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।"
बता दें कि 24 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित किए जाने के बाद से सरकार बनाने को लेकर माथापच्ची की जा रही है। चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें, शिवसेना ने 56, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 और कांग्रेस ने 44 सीटें जीतीं। शिवसेना और भाजपा ने 288 सदस्यीय विधानसभा की 161 सीटों पर जीत हासिल कर 145 के बहुमत के आंकड़े को आसानी से पार कर लिया है, लेकिन दोनों के बीच सीएम पद को लेकर सहमति नहीं बन पाई है।
बीजेपी नेता देवेन्द्र फडणवीस ने शुक्रवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस्तीफा सौंपने के बाद फडणवीस ने दावा किया था कि शिवसेना को कभी भी ढाई साल के लिए सीएम पद देने का वादा नहीं किया गया। वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरने ने फडणवीस के बयान को झूठा बताया था। ठाकरे ने कहा था, सबको पता है झूठ कौन बोल रहा है।
शिवसेना का दावा है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले उनके और भाजपा के बीच आपसी सहमति से 50-50 फॉर्मूला तय किया गया था। जिसके मुताबिक दोनों पार्टियों को प्रदेश में ढाई-ढाई साल तक अपनी सरकार चलानी थी। शिवसेना का आरोप है कि भाजपा दोनों पार्टियों के बीच हुए इस फैसले से मुकर रही है।
Created On :   10 Nov 2019 10:23 PM IST