निर्भया कांड: सरकार ने किया SC का रुख, कहा- मौत की सजा के दोषियों को 7 दिन में हो फांसी

Government moves Supreme Court seeking 7-day deadline for executing death row convicts in Nirbhaya case
निर्भया कांड: सरकार ने किया SC का रुख, कहा- मौत की सजा के दोषियों को 7 दिन में हो फांसी
निर्भया कांड: सरकार ने किया SC का रुख, कहा- मौत की सजा के दोषियों को 7 दिन में हो फांसी
हाईलाइट
  • SC की गाइडलाइन पीड़ित को राहत देने की बजाय दोषियों को राहत देती है- केंद्र
  • मौत की सजा के दोषियों को 7 दिन में फांसी देने को लेकर केंद्र ने SC का रुख किया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मृत्युदंड के मामलों में दोषी को दी गई सजा पर सात दिनों के भीतर अमल करने को लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। गृह मंत्रालय (MHA) की याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन पीड़ित को राहत देने की बजाय दोषियों को ही राहत देती है और राहत के विकल्प मुहैया कराने पर फोकस रखती है। 

क्या कहा गया है याचिका में?
MHA की याचिका में रिव्यू पिटिशन की अस्वीकृति के बाद क्यूरेटिव पिटिशन को दायर करने की समय सीमा तय करने के लिए टॉप कोर्ट से निर्देश मांगा गया है। इसमें यह भी निर्देश मांगा गया है कि "यदि मौत की सजा का अपराधी दया याचिका दायर करना चाहता है, तो उसे कोर्ट के डेथ वॉरेंट जारी करने की तारीख से केवल सात दिनों की अवधि के भीतर ही उसे ऐसा करने की अनुमति मिले।

MHA ने याचिका में कहा कि सुप्रीम कोर्ट को देश की सभी अदालतों, राज्य सरकारों, जेल अधिकारियों को दया याचिका खारिज होने के सात दिन के भीतर मौत की सजा का आदेश जारी करने और उसके बाद सात दिनों के भीतर मौत की सजा देने की अनिवार्यता का आदेश देना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पवन कुमार की याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को दोषी पवन कुमार गुप्ता की अपराध के समय नाबालिग होने के दावे वाली याचिका को खारिज कर दिया था। जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस आर भानुमति की बेंच ने पवन कुमार गुप्ता की इस याचिका पर सुनवाई की थी। हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए पवन ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

एक फरवरी को दी जाएगी फांसी
चार दोषियों - मुकेश (31), पवन गुप्ता (24), विनय शर्मा (25) और अक्षय कुमार सिंह (33) को 1 फरवरी को फांसी दी जानी है। उन्हें दोषी ठहराते हुए सितंबर 2013 में मौत की सजा सुनाई गई थी। मार्च 2014 में हाईकोर्ट ने और मई 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे बरकरार रखा था। इससे पहले 22 जनवरी को फांसी दी जानी थी, लेकिन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के समक्ष दोषियों की दया याचिका दायर करने के चलते देरी हुई। राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज कर दी गई।

16 दिसंबर 2012 की घटना
बता दें कि दिल्ली की छात्रा निर्भया के साथ चलती बस के अंदर बर्बर तरीके से 16 दिसंबर 2012 को रेप किया गया था। इसके बाद वह उसे सड़क पर छोड़कर चले गए थे। गंभीर हालत में निर्भया को दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उसे सिंगापुर इलाज के लिए भेजा गया था लेकिन उसने दम तोड़ दिया। इस मामले ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक जन आक्रोश उत्पन्न किया था।

Created On :   23 Jan 2020 12:31 AM IST

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