गांधी परिवार से वापस ली जाएगी एसपीजी सिक्योरिटी, अब मिलेगी Z+ सुरक्षा
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने गांधी परिवार से एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया है। अब सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को सीआरपीएफ की Z + सुरक्षा प्रदान की जाएगी। सरकारी सूत्रों के हवाले से ये बात सामने आई है। सूत्रों का कहना है कि गृहमंत्रालय की उच्चस्तरीय बैठक में ये फैसला लिया गया है। गांधी परिवार की सुरक्षा की समीक्षा की गई और पाया गया कि उन्हें बहुत ज्यादा खतरा नहीं है। इस वजह से उनके सुरक्षा इंतजामों को बदलने का फैसला किया गया।
Govt Sources: Govt has decided to withdraw SPG protection from the Gandhi family(Sonia Gandhi,Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi Vadra), they will now be accorded Z+ security pic.twitter.com/Auina87oQ8
— ANI (@ANI) November 8, 2019
केंद्र सरकार के इस फैसले पर कांग्रेस ने निशाना साधा है। कांग्रेस नेता राजीव सातव ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया। सातव ने कहा, "बीजेपी सरकार का सेनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को प्रदान की गई एसपीजी सुरक्षा वापस लेना राजनीतिक प्रतिशोध के अलावा कुछ भी नहीं है। ये जानने के बाद भी कि दोनों नेता इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी, इसके बावजूद गांधी परिवार के लोगों के जीवन को खतरे में डाला जा रहा है।" राजीव सातव ने गांधी परिवार से वापस ली गई एसपीजी सिक्योरिटी को वापस बहाल करने की मांग की।
BJP Govt decision to withdraw the SPG protection of Smt.Sonia Gandhi Ji,Shri Rahul Gandhi Ji Smt.Priyanka Gandhi Ji is nothing but political vendetta to put their lives in danger even after knowing that two leaders Smt.Indira Gandhi Ji Shri Rajiv Gandhi Ji were assassinated.
— Rajeev Satav (@SATAVRAJEEV) November 8, 2019
We demand that the SPG Protection to Smt.Sonia Gandhi Ji,Shri Rahul Gandhi Ji Smt.Priyanka Gandhi Ji be restored by BJP Govt in order to secure their safety provide them with the SPG protection due to high level of threat.
— Rajeev Satav (@SATAVRAJEEV) November 8, 2019
इससे पहले एनडीए सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली थी। इसके बदले उन्हें हल्की जेड प्लस सुरक्षा उपलब्ध कराई गई। हालांकि सरकार के इस कदम पर जमकर विवाद हुआ था। ये मुद्दा फिर गर्म हो गया है कि क्या पूर्व प्रधानमंत्रियों की एसपीजी सुरक्षा हटाई जानी चाहिए। दरअसल 1989 में वीपी सिंह की सरकार ने राजीव गांधी से एसपीजी सुरक्षा ले ली थी, जिसका परिणाम ये हुआ कि लिट्टे से जुड़े आतंकी उन्हें आसानी से श्रीपेरंबदुर में अपना शिकार बना सके।
क्या है स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप
एसपीजी की स्थापना 1985 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद की गई थी। संसद ने बाद में 1988 में भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए एसपीजी अधिनियम पारित किया गया। एसपीजी की वेबसाइट के अनुसार इस बल के अधिकारी काफी उच्च प्रशिक्षित और प्रफेशनल होते हैं। ये जवान पूरी ताकत से अति विशिष्ट व्यक्तियों की सुरक्षा करते हैं। ये जवान वीवीआईपी की सुरक्षा में साए की तरह हमेशा तैनात रहते हैं।
एसपीजी न केवल अपनी कार्यप्रणाली में कई नए प्रयोग किए हैं, बल्कि आईबी, राज्य और केंद्रशासित बलों के साथ समग्र सुरक्षा व्यवस्था को अपनाया है। एसपीजी, सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के यात्रा करने से पहले छोटी-छोटी टीम बनाता है, जो हर स्तर पर सुरक्षा के मापदंडों को परखता है। एक टीम यात्रा के स्थान पर 24 घंटे पहले जाती हैं और पूरा मौका मुआयना करने के बाद ही वीआईपी को यात्रा के लिए कहा जाता है। किसी घटना की शंका होने पर कार्यक्रम रद्द भी किया जाता है या कार्यक्रम के स्थान और समय में परिवर्तन किया जाता है।
एडवांस्ड वेपन से लैस होते हैं एसपीजी कमांडो
एसपीजी की टीम में स्नापर्स, बम निरोधक विशेषज्ञ भी होते हैं। एसपीजी ऐक्ट के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एसपीजी को वो तमाम सहयोग देना होता है, जिसकी वो मांग करते हैं। एसपीजी कमांडो के पास अत्याधुनिक रायफल्स, अंधेरे में देख पाने वाले चश्मे, संचार के कई अत्याधुनिक उपकरण, बुलेटप्रूफ जैकेट, ग्लव्स, कोहनी और घुटनों पर लगाने वाले गार्ड भी होते हैं। एसपीजी के पास अत्याधुनिक और बुलेट प्रूफ वाहनों का दस्ता होता है।
Created On :   8 Nov 2019 3:26 PM IST