उन्नाव केस : रेप के बाद अब बीजेपी विधायक सेंगर पर लगा हत्या का आरोप, FIR दर्ज
- पीड़िता की गाड़ी को ट्रक से टक्कर लगने के मामले में दर्ज की गई FIR
- उन्नाव रेप केस में बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ नई FIR
- परिवार का आरोप है कि एक्सिडेंट के पीछे कुलदीप सेंगर का हाथ है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उन्नाव केस में यूपी पुलिस ने बीजेपी के विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ एक नई FIR दर्ज की है। ये FIR हत्या और हत्या की साजिश रचने के मामले में की गई है। दरअसल, रविवार को पीड़िता की गाड़ी को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। जिसमें उनकी चाची और मौसी का निधन हो गया जबकि पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हैं। पीड़िता के परिवार का आरोप है कि कुलदीप सेंगर ने ही साजिश के तहत इस एक्सिडेंट को अंजाम दिया।
रायबरेली के गुरुबख्शगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई FIR में कुलदीप सेंगर के अलावा उसके भाई मनोज सेंगर और 8 अन्य का नाम है। भारतीय दंड संहिता की धारा 302, 307, 506 120B के तहत ये FIR दर्ज की गई है। ये FIR पीड़िता के चाचा ने दर्ज कराई है। पीड़िता के चाचा फिलहाल रायबरेली की जिला जेल में बंद हैं। इससे पहले कार दुर्घटना मामले में यूपी पुलिस ने FIR दर्ज कर ट्रक के मालिक, चालक व क्लीनर को गिरफ्तार किया था। दोनों ही गाड़ियों की फॉरेंसिक जांच के भी आदेश दिए गए हैं।
इस मामले को लेकर एक प्रेस ब्रीफिंग में लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्णन ने कहा, "हम जांच कर रहे हैं कि ड्राइवर, क्लीनर और मालिक (ट्रक के) का कुलदीप सिंह सेंगर और उसके सहयोगियों के साथ क्या कनेक्शन है? ट्रक के रजिस्ट्रेशन नंबर को काली स्याही से पेंट करने की खबरों के बारे में पूछे जाने पर एडीजी ने कहा, "हमें इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है (ट्रक का लाइसेंस नंबर काली स्याही से पेंट किया गया है)। लेकिन ट्रक और कार दोनों की फोरेंसिक जांच की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी।"
राजीव कृष्णन ने लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और ट्रॉमा सेंटर में पीड़िता और उनके वकील से भी मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर कृष्णन ने कहा, "डॉक्टरों ने मुझे बताया है कि उन्हें (पीड़िता और उनके वकील) को लाईफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। उनकी कुछ हड्डियों में फ्रैक्चर हुआ है। उनमें से एक के सिर में चोट लगी है।" राजीव कृष्णन ने कहा कि यूपी सरकार पीड़िता के इलाज का पूरा खर्च उठा रही है।
पीड़िता की सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस टीम के बारे में बात करते हुए, ADG ने कहा, पीड़िता के परिवार ने खुद कार में जगह की कमी के कारण सुरक्षा कर्मियों को उनके साथ नहीं जाने के लिए कहा था। लेकिन यह जांच का विषय है। हालांकि, उन्होंने उन्नाव एसपी से जांच करने को कहा है कि सुरक्षाकर्मी उनके साथ क्यों नहीं दे रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस डीजीपी ओपी सिंह ने सोमवार को कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस इस मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप देगी यदि परिजन इसकी मांग करते हैं।
बता दें कि पीड़िता को पिछले साल से पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है। उनके पास 10 गार्ड थे, तीन व्यक्तिगत जबकि बाकी 7 उनके निवास की रक्षा करने के लिए। हालांकि, रिपोर्टों के अनुसार, दुर्घटना के समय उनकी सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस दल उनके साथ नहीं था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूपी के लालगंज की तरफ विपरीत दिशा में जा रहे एक ट्रक से पीड़िता की कार टकरा गई थी। लालगंज-रायबरेली राजमार्ग पर सुल्तानपुर खेड़ा गांव में मोड़ के पास ट्रक ने कथित तौर पर वाहन को टक्कर मारी थी। पीड़ित, उनके वकील और अन्य लोग कुलदीप सेंगर के भाई अतुल सेंगर पर हमला करने के आरोप में रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा से मिलने के लिए रायबरेली जा रहे थे।
गौरतलब है कि यह मामला पिछले साल अप्रैल में सुर्खियों में आया था। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि 2017 में कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने उसका रेप किया। लेकिन सेंगर अपने राजनीतिक प्रभाव के कारण गिरफ्तारी से बचते रहे। कुलदीप सेंगर पिछले साल से बलात्कार के आरोप में सीतापुर जेल में बंद हैं।
Created On :   29 July 2019 6:29 PM IST