शिशुओं की मौत पर गहलोत का विवादित बयान- हर अस्पताल में होती हैं मौतें, ये कोई नई बात नहीं

Every Child Death Unfortunate But Nothing New: Rajasthan CM on Kota Infant Deaths
शिशुओं की मौत पर गहलोत का विवादित बयान- हर अस्पताल में होती हैं मौतें, ये कोई नई बात नहीं
शिशुओं की मौत पर गहलोत का विवादित बयान- हर अस्पताल में होती हैं मौतें, ये कोई नई बात नहीं

डिजिटल डेस्क, कोटा। राजस्थान के कोटा में जेके लॉन अस्पताल में महज 48 घंटों में 10 बच्चों की मौत से जयपुर से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मच गया है। इस पर मीडिया से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चौंकाने वाला बयान दे डाला, जिसके बाद वे विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं। उन्होंने कहा ​कि बीते सालों के मुकाबले इस साल बच्चों की मौतें कम हुई हैं। ये कोई नई बात नहीं है। उनके इस बयान के बाद भाजपा और अन्य दलों के नेताओ ने उनकी आलोचना करना शुरू कर दिया है।

 

 

गहलोत ने कहा कि सबसे कम मौत 6 साल में इस साल हुई हैं। एक भी बच्चे की मौत होना दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन एक साल के अंदर 1500-1300 मौतें भी हुई हैं, लेकिन इस साल करीब 900 बच्चों की मौतें हुई हैं। उन्होंने कहा कि पूरे देश के हर अस्पताल के अंदर 4-5 मौतें होती ही हैं, ये कोई नई बात नहीं है। जयपुर में भी होती है। इसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

ज्ञात हो कि ​अस्पताल में एक महीने के अंदर 77 नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी हैं। ये सभी शिशु एक साल तक के थे। मामला जब दिल्ली पहुंचा तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए। आईएएस अधिकारी वैभव गालरिया के प्रतिनिधित्व में बनी जांच समिति शुक्रवार शाम को कोटा पहुंची। अस्पताल के अधीक्षक एचएल मीणा से कमेटी ने पूछताछ की।

इन मौतों को पूरा अमला पहले स्वाभाविक और सामान्य बताकर दबाने में जुटा रहा। हालांकि मामला सामने आने के बाद राज्य सरकार हरकत में आई। इन मौतों के पीछे संक्रमण को मुख्य कारण माना जा रहा है। इसके अलावा अस्पताल के उपकरण भी खराब हैं।

ओम बिड़ला ने जताई थी चिंता
इस मामले पर कोटा से सांसद और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने शुक्रवार को कहा कि कोटा के एक मातृ एवं शिशु अस्पताल में 48 घंटे में 10 नवजात शिशुओं की असामयिक मौत का मामला चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार को इस मामले में तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

हर दिन होती है 2-3 नवजात की मौत
अस्पताल में सामान्य तौर पर रोजाना 2-3 नवजात शिशुओं की मौत होती है। यहां सोमवार को छह जबकि मंगलवार को चार बच्चों की मौत हुई। सूत्रों के अनुसार पांच दिन पहले भी इसी तरह एक साथ कुछ बच्चों की मौत हुई थी। जिन्हें बचाने के लिए पूरा स्टाफ जुट गया था।

अस्पताल में छह साल में 6600 नवजात शिशुओं ने तोड़ दम
अस्पताल के अधिकारियों के मुताबिक 23 दिसंबर को छह बच्चों की मौत हुई, जबकि 24 दिसंबर को चार बच्चों ने दम तोड़ा। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले छह सालों में इस अस्पताल में 6600 से ज्यादा नवजात शिशुओं की मौत हो चुकी है। 2019 में अब तक 940 बच्चों की मौत चुकी है।
 

Created On :   28 Dec 2019 10:15 PM IST

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