गोरखपुर: करोड़ों की धोखाधड़ी के 9 साल पुराने मामले में गिरफ्तार हुए डॉ.कफील
- उप्र के गोरखपुर में नौ साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में कार्रवाई।
- डॉ. कफील खान और उनके भाई को पुलिस ने गिरफ्तार किया।
- फर्जी दस्तावेजों से करीब दो करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप।
- बीआरडी कॉलेज में बच्चों की मौत के मामले में भी जेल जा चुके डॉ. कफील।
डिजिटल डेस्क, गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में पुलिस ने नौ साल पुराने धोखाधड़ी के एक मामले में डॉक्टर कफील खान को फिर से गिरफ्तार कर लिया है। डॉ.कफील गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में भी जेल जा चुके हैं। रविवार को पुलिस ने फर्जीवाड़े के आरोप में डॉ. कफील के साथ दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया है। एसपी विनय सिंह और सीओ रवि कुमार राय की टीम ने ये कार्रवाई की है।
Gorakhpur: Dr Kafeel Khan 2 others were arrested by the police yesterday in an alleged fraud case. The arrest was made by a team led by SP Vinay Singh CO Ravi Kumar Rai. (file pic of Kafeel Khan) pic.twitter.com/lgcALeF3nR
— ANI UP (@ANINewsUP) September 24, 2018
बीआरडी कॉलेज में बच्चों के मौत के मामले में जेल में बंद थे डॉ. कफील
दरअसल बीआरडी कांड में गोरखपुर जेल में बंद रहे डॉ. कफील करीब नौ महीने बाद जमानत पर रिहा हुए थे, इसके बाद से सरकार पर हमला कर रहे थे। शनिवार को वह बहराइच के जिला अस्पताल में इन्सेफेलाइटिस के मामले में खुलासा करने की कोशिश कर रहे थे। उन पर आरोप लगाया गया है कि, डॉ. कफील वहां बिना अनुमति के इलाज करने लगे थे। अस्पताल प्रशासन की आपत्ति के बाद पुलिस ने उन्हें बहराइच सीमा से बाहर छोड़ा। इस दौरान उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा भी किया। रविवार को धोखधाड़ी के केस में पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
फर्जी दस्तावेजों से करीब 2 करोड़ की धोखाधड़ी
इस बार पुलिस ने डॉक्टर कफील खान और उनके भाई आदिल खान के साथ कैंट पुलिस ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके बैंक खाता खोलने और उससे करीब 2 करोड़ रुपये के लेनदेन करने के आरोप में कार्रवाई की है। सीओ कैंट प्रभात राय ने बताया, राजघाट क्षेत्र के शेषपुर के रहने वाले मुजफ्फर आलम की शिकायत पर पहले ही एक मुकदमा दर्ज हुआ था। मुजफ्फर डॉ. कफील के भाई आदिल के कर्मचारी भी रह चुके हैं। मुजफ्फर ने आरोप लगाया था कि उनके दस्तावेज का गलत इस्तेमाल कर दोनों ने फैजान के नाम से यूनियन बैंक की बैंक रोड ब्रांच में 2009 में एक खाता खोला था, जिसके जमानतदार आदिल थे। इस अकाउंट से 2009 से 2014 के बीच करीब 2 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।
फर्जीवाड़े की शिकायत पर जुलाई में दर्ज हुआ था मुकदमा
मुजफ्फर आलम के मुताबिक, मणिपाल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई के दौरान डॉ. कफील ने इसी अकाउंट से 3 लाख 81 हजार रुपये का डीडी बनवाकर फीस जमा की थी। 2014 में मुजफ्फर की आपत्ति पर इस खाते को बंद कर दिया गया था। वहीं मामले की शिकायत पर जुलाई 2018 में पुलिस ने दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसी मामले में रविवार को बसंतपुर स्थित आवास से आदिल और डॉ. कफील को गिरफ्तार किया गया है।
Created On :   24 Sept 2018 7:51 AM IST