दिल्ली में जहरीली हवा का कहर,गुरुग्राम-गाजियाबाद में हालत बदतर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली से लेकर उत्तरप्रदेश तक धुएं और जहरीली हवा का कहर जारी है। दिल्ली के लोधी रोड इलाके में शनिवार को पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर 500 रहा। वहीं नोएडा,गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम में वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 से 400 के बीच है।
Major pollutants PM 2.5 at 500 PM 10 at 500 remain in "severe" category in Lodhi Road area, according to Air Quality Index data. Yesterday, Environment Pollution (PreventionControl) Authority declared public health emergency in Delhi due to rising air pollution levels. pic.twitter.com/K8ZWjRCHPi
— ANI (@ANI) November 2, 2019
दिल्ली पहले स्थान पर
दुनिया के 10 प्रमुख शहरों में प्रदूषित हवा के मामले में दिल्ली पहले नंबर पर है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 470 पर है, जो कि खतरनाक स्तर है।एयरविजुअल डॉट कॉम के अनुसार एक नवंबर (शुक्रवार) को अन्य नौ शहरों में दूसरे नंबर पर पाकिस्तान का लाहौर (343), उसके बाद मंगोलिया का उलानबटार (168), बांग्लादेश का ढाका (164), भारत का कोलकाता (159), पोलैंड का क्राको (158), पोलैंड का रॉक्ला (155), चीन का वुहान (155), चीन का गुआंगझो (155) और चीन का चोंगकिंग (153) शहर शामिल हैं।
पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा
दिल्ली की हवा किस कदर खराब हो चुकी है कि इसकी गंभीरता को देखते हुए पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित करनी पड़ी है और दिल्ली सरकार ने स्कूलों को पांच नवंबर तक के लिए बंद कर दिया है।
सीएम ने बांटे मास्क
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रदूषण के स्तर में वृद्धि देखते हुए सभी स्कूलों के छात्रों को मास्क बांटे। उन्होंने कहा कि दिल्ली में आस-पास के राज्यों में जलने वाले धुएं से धुएं के कारण प्रदूषण का स्तर बिगड़ गया है, जिनकी संख्या इस साल दोगुनी हो गई है। लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, और राहत प्रदान करने के लिए, हम निजी और सरकारी स्कूलों में प्रत्येक छात्र को 2 मास्क वितरित कर रहे हैं।
पराली जलाने का असर
पंजाब और हरियाणा में प्रतिबंध के बावजूद लगातार पराली जलाए जाने के कारण दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की वायु गुणवत्ता बहुत ज्यादा बिगड़ गई है। फसल के अवशेषों को जलाने की अपेक्षा उन्हें उर्वरकों में बदलने के लिए जरूरी तकनीकों और मशीनरियों को खरीदने के लिए किसानों को केंद्र सरकार द्वारा 50 से 80 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान किए जाने के बावजूद पराली जलाए जाने की समस्या अभी भी है। सरकार के एक सूत्र ने गुरुवार को कहा कि किसानों को राज्य सरकारें सुविधाएं दे रही हैं, और पिछले कुछ सालों ने केंद्र ने इस पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं।
Created On :   2 Nov 2019 9:22 AM IST