बोडो विद्रोही समूह ने मिलाया भारत विरोधी ताकतों से हाथ, केंद्र ने बढ़ाया 5 वर्ष का प्रतिबंध
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB) पर प्रतिबंध को पांच और वर्षों के लिए बढ़ा दिया है। एनडीएफबी पर हत्या, जबरन वसूली समेत कई हिंसक गतिविधियों में शामिल होने और भारत विरोधी ताकतों से हाथ मिलाने को लेकर प्रतिबंध लगा हुआ है।
गृह मंत्रालय (MHA) की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार, "ये संगठन गैरकानूनी और हिंसक गतिविधियों में लिप्त रहा है। बोडोलैंड बनाने का इस संगठन का मकसद भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित कर सकता है।" गृह मंत्रालय ने यह भी कहा है कि अलग बोडोलैंड बनाने के मकसद को पूरा करने के लिए इस संगठन ने समाज के विभिन्न वर्गों से पैसों की उगाही की है। इन पैसों का उपयोग आतंकवादी और उग्रवादी गतिविधियों को जारी रखने के लिए किया जा रहा है।
गृह मंत्रालय ने कहा, "एनडीएफबी ने जातीय हिंसा पैदा की जिसके परिणामस्वरूप हत्याएं हुईं। आतंक और असुरक्षा फैलाने के उद्देश्य से असम में बोडो बहुल क्षेत्रों में गैर-बोडो की संपत्ति को तबाह किया गया। अपने उद्देश्य को पूरा करने के लिए NDFB ने देश की सीमा पर कैंप और ठिकाने स्थापित किए। हथियारों की खरीद और अन्य सहायता के लिए अन्य देशों में भारत-विरोधी बलों से सहायता ली।
केंद्र ने पिछले कुछ वर्षों में संगठन की ओर से अंजाम दी गई घटनाओं की संख्या का भी उल्लेख किया है। गृह मंत्रालय ने बताया कि जनवरी 2015 के बाद से लगभग 62 हिंसक घटनाओं में 19 नागरिकों की हत्या कर दी गई। 55 चरमपंथी मारे गए, 450 चरमपंथियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से 444 हथियार बरामद किए गए।
गृह मंत्रालय ने कहा, "इन सभी कारणों से गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (1967 के 37) की धारा 3 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर केंद्र सरकार ने बोडोलैंड के राष्ट्रीय लोकतांत्रिक मोर्चे को उसके सभी समूहों, गुटों और संगठनों को तत्काल प्रभाव से "गैरकानूनी संघ" घोषित कर दिया है। यह पांच साल तक जारी रहेगा।"
Created On :   24 Nov 2019 5:42 PM IST