फिल्म की बढ़ती लोकप्रियता को सहारा बनाकर, हैकर्स कर रहे अकाउंट साफ, रहे सावधान
- फिल्म का फेक डाउनलोड लिंक भेजकर कर रहे धोखाधड़ी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 90 के दशक में कश्मीरी पंडितो के नरसंहार की कहानी को बयां कर रही विवेक अग्निहोत्री की फिल्म "द कश्मीर फाइल्स", आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है। कई लोग इसे राजनीती से जोड़कर देख रहे तो कुछ राजनेता इसे प्रोपोगेंड़ा बता रहे है। राजनीतिक दल जहां इस पर हाथ सेक रहे है वहीं वेब पर मौजूद कुछ असामाजिक तत्व इससे लोगों के बैंक अकाउंट साफ कर रहे है।
फिल्म के सुर्खियों में आने के बाद से इसकी लोकप्रियता में हद से ज्यादा वृद्धि हुई है और हर कोई इसे देखना चाहता है तो ऐसे में साइबर अपराधियों ने भी फिल्म के नाम का इस्तेमाल कर स्मार्टफोन यूजर्स को ठगने का तरीका ढूंढ लिया है।
नोएडा के एडिशनल डीसीपी रणविजय सिंह ने "द कश्मीर फाइल्स" मूवी से संबंधित व्हाट्सएप धोखाधड़ी के बारे में मोबाइल यूजर्स को चेतावनी दी है। उन्होंने यूजर्स से अपील की है कि जब तक वे फिल्म की प्रामाणिकता के बारे में ना जान ले, तब तक व्हाट्सएप पर प्राप्त किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
सिंह के अनुसार, धोखाधड़ी से संबंधित कुछ शिकायतें राजधानी दिल्ली में दर्ज की गई हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक बयान में उन्होंने कहा, “फिल्म हाल ही में रिलीज हुई है और इसने काफी सुर्खियां बटोरी है। स्थिति का फायदा उठाकर साइबर ठगों ने फिल्म को मुफ्त में डाउनलोड करने के लिए व्हाट्सएप पर लिंक भेजना शुरू कर दिया है।
एक बार जब व्यक्ति लिंक पर क्लिक करता है, तो हैकर्स यूजर्स के फोन में मौजूद डाटा को एक्सेस कर लेते है और बैंक खाते की जानकारी सहित गोपनीय चीजें आसानी से चुरा लेते है।
कैसे बना रहे यूजर्स को अपना शिकार
जालसाज सबसे पहले यूजर्स को व्हाट्सएप पर लिंक भेजते हैं, जो दावा करता है कि यूजर्स लिंक पर क्लिक करके "द कश्मीर फाइल्स" फिल्म मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।
एक बार जब यूजर्स लिंक पर क्लिक करता है, तो उसके स्मार्टफोन में एक मैलवेयर इंजेक्ट किया जाता है, जिसके बाद हैकर्स यूजर के स्मार्टफोन को हैक कर लेते है। मैलवेयर यूजर्स के बैंकिंग विवरण चुरा लेता है जिसका उपयोग साइबर अपराधी धोखाधड़ी वाले वित्तीय लेनदेन के लिए करते हैं।
सिंह ने स्मार्टफोन यूजर्स को व्हाट्सएप या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अज्ञात स्रोतों से प्राप्त लिंक पर क्लिक न करने की सलाह दी। अतिरिक्त डीसीपी ने कहा कि ऐसी स्थितियां हो सकती हैं जिनमें एक फोन यूजर्स को यह नहीं पता होता है कि उनका डिवाइस किसी रिमोट स्थान से हैक किया गया है, लेकिन वे तभी चिंतित होते हैं जब उन्हें पता चलता है कि उनके बैंक खाते खाली कर दिए गए हैं।
अधिकारी ने कहा, "पिछले 24 घंटे में, तीन लोगों ने साइबर धोखाधड़ी की समान शिकायतों दर्ज कराई है, जिसमें उन्हें संयुक्त रूप से 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ।"
Created On :   17 March 2022 5:05 PM IST