टू प्लस टू बैठक से पहले जयशंकर और ब्लिंकेन ने की यूक्रेन और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा

Before the two plus two meeting, Jaishankar and Blinken discussed Ukraine and global issues
टू प्लस टू बैठक से पहले जयशंकर और ब्लिंकेन ने की यूक्रेन और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
नई दिल्ली टू प्लस टू बैठक से पहले जयशंकर और ब्लिंकेन ने की यूक्रेन और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा
हाईलाइट
  • रूस पर लगाये गये अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में बातचीत

डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने दोनों देशों के बीच होने वाली टू प्लस टू बैठक से पहले यूक्रेन सहित क्षेत्रीय तथा वैश्विक महत्व वाले मुद्दों पर चर्चा की।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेट प्राइस ने मंगलवार को बताया कि दोनों देशों के बीच आगामी सोमवार को वाशिंगटन में टू प्लस टू बैठक होनी है। इस बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री शामिल होते हैं। प्राइस ने बताया कि जयशंकर और ब्लिंकेन ने गत एक सप्ताह में दूसरी बार बातचीत की और दोनों ने यूक्रेन की स्थिति सहित क्षेत्रीय एवं वैश्विक महत्व वाले मसलों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि दोनों देशों के विदेश मंत्री परिस्थितियों में होने वाले बदलाव को लेकर आपसी समन्वय बनाने को सहमत हुये और साथ ही आगामी बैठक के लिये तैयार हैं। जयशंकर ने बातचीत को लेकर ट्वीट किया कि उन्होंने आपस में यूक्रेन के ताजा घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।

प्राइस ने बताया कि इससे पहले ब्लिंकेन ने गत सप्ताह बुधवार को जयशंकर से फोन पर बातचीत की थी। ब्लिंकेन ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के भारत पहुंचने से एक दिन पहले कॉल करके जयशंकर से यूक्रेन में बिगड़ रही मानवीय स्थिति के बारे में चर्चा की थी। यूक्रेन और रूस के मुद्दे को लेकर अमेरिका की भारत से संपर्क साधने की यह पहली कोशिश नहीं है। ब्िंलकेन की बातचीत से पहले अमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दलीप सिंह भी गत सप्ताह इसी मकसद के साथ भारत के दौरे पर गये थे। उन्होंने भी भारतीय अधिकारियों से यूक्रेन की स्थिति और रूस पर लगाये गये अमेरिकी प्रतिबंधों के बारे में बातचीत की थी।

दलीप सिंह के इस दौरे के एक सप्ताह पहले अमेरिका के विदेश मंत्रालय की अंडर सेक्रेटरी विक्टोरिया नूलैंड भी एक अन्य शीर्ष राजनयिक अमांडा डोरी के साथ भारत के दौरे पर जा चुकी हैं। उन्होंने इस दौरे के दौरान विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला सहित भारतीय अधिकारियों से दक्षिण एशिया के क्षेत्रीय मुद्दों, खाड़ी देश, भारत-प्रशांत क्षेत्र और यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की थी। रूस को लेकर भारत के रुख से अमेरिका ऊहापोह की स्थिति में है। एकतरफ वह सार्वजनिक रूप से यह कहता है कि वह रूस पर भारत की निर्भरता और उसके संबंधों को समझता है लेकिन दूसरी तरफ उसे यह भी उम्मीद रहती है कि भारत रूस को लेकर स्पष्ट पक्ष रखे।

भारत ने जब रूस से कच्चे तेल की खरीद की, तो राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रवक्ता जेन साकी ने सोमवार को कहा कि भारत का आयात बहुत ही कम यानी उसकी जरूरतों का एक से दो प्रतिशत है और इस लेनदेन को पूरा करने में अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं होता है। इसी तरह अमेरिका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने भी सोमवार को प्रेस ब्रीफिंग में भारत का पक्ष लेते हुये कहा कि भारत अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने में विविधता ला रहा है और अमेरिका इस संबंध में उससे बातचीत जारी रखेगा।

भारत ने यूक्रेन के मसले पर संयुक्त राष्ट्र में हुई वोटिंग से आठ बार खुद को दूर रखा है। हालांकि, मंगलवार को पहली बार भारत ने रूस के मुद्दे पर कड़े लहजे में बयान दिया। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने सुरक्षा परिषद् में बिना रूस का नाम लिये बयान दिया कि भारत स्पष्ट रूप से इन हत्याओं की निंदा करता है और इस मामले में स्वतंत्र जांच की सिफारिश करता है। भारत ने यूक्रेन के बुचा शहर में आम नागरिकों की हत्या को लेकर यह बयान दिया है। दोनों देशों के बीच होने वाली मंत्रीस्तरीय बैठक में न सिर्फ यूक्रेन के मुद्दों पर चर्चा होगी बल्कि इस दौरान अमेरिका कच्चे तेल और हथियार की खरीद का प्रस्ताव भी भारत के समक्ष रख सकता है।

दोनों देश आगामी बैठक में भारत-प्रशांत मुद्दे पर भी बात करेंगे। क्वोड के सदस्य के रूप में भारत इस क्षेत्र में अमेरिका के लिये रणनीतिक महत्व रखता है। इस क्षेत्र में चीन ने अपनी आक्रामक गतिविधियां बढ़ा दी हैं, ऐसे में भारत को अपने खेमे में रखने के लिये अमेरिका प्रयासरत रहेगा। क्वोड में भारत , अमेरिका, जापान और आस्ट्रेलिया सदस्य हैं और इसका उद्देश्य मानवीय भूमिका निभाना है लेकिन साथ ही रणनीतिक मामले भी इसके लिये महत्वपूर्ण हैं।

 

 (आईएएनएस)

Created On :   6 April 2022 1:00 PM IST

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