कांग्रेस ने सौंपी अशोक गहलोत को बड़ी जिम्मेदारी, बनाए गए जनरल सेक्रेटरी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के अच्छे प्रदर्शन का गिफ्ट अशोक गहलोत को मिला है। राजस्थान के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने संगठन में बड़ा फेरबदल करते हुए वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत को संगठन का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया है। बता दें कि अशोक गहलोत 2 बार राजस्थान के सीएम रह चुके हैंऔर गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रभारी थे।
New responsibility to work as the AICC GS incharge (Organisation Training)..... I feel truly honoured. I will perform my duty with commitment and will continue to work to strengthen the party.
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 30, 2018
I am thankful to Congress President Rahul ji.
जनार्दन द्विवेदी की जगह सौंपी जिम्मेदारी
राहुल गांधी के कांग्रेस प्रेसिडेंट बनने के बाद पहली बार संगठन में बड़ा बदलाव किया गया है। सोनिया गांधी के बेहद करीबी और भरोसेमंद माने जाने वाले जनार्दन द्विवेदी की जगह अशोक गहलोत को संगठन का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया है। इसके अलावा राहुल गांधी ने लालजी देसाई को अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल का मुख्य आयोजक नियुक्त किया है, वह महेंद्र जोशी की जगह लेंगे।
गुजरात विधानसभा चुनाव में गहलोत थे प्रदेश प्रभारी
2017 में हुए गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले भी अशोक गहलोत प्रदेश प्रभारी रह चुके हैं, लेकिन उस समय उनसे प्रभारी की जिम्मेदारी वापस लेते हुए राजीव सातव को गुजरात का प्रभारी बना दिया गया था। गुजरात चुनाव से ठीक पहले बदलाव करते हुए वापस से प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी अशोक गहलोत को सौंप दी गई थी। कांग्रेस ने इन चुनावों में बीजेपी को कड़ी टक्कर देते हुए 182 में से 80 सीटें अपने नाम की थी।
गहलोत दो बार रह चुके हैं सीएम
अशोक गहलोत दो बार 1998 से 2003 और फिर 2008 से 2013 तक राजस्थान के चीफ मिनिस्टर रह चुके हैं। जोधपुर के रहने वाले गहलोत की गिनती कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में की जाती है। गहलोत कांग्रेस में उन थोड़े से नेताओं में शुमार हैं जिन्हें "पार्टी संगठन" का व्यक्ति कहा जाता है और जो अपने सामाजिक सेवा कार्य के ज़रिए इस ऊँचाई तक पहुंचे हैं। गहलोत ने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत जोधपुर के अस्पतालों में भर्ती मरीज़ों को संभालने से की थी। वो दूर दराज़ के गावों से आकर भर्ती हुए मरीज़ों से मिलकर उनके गांव-परिजनों को कुशलता की चिट्ठियां लिखते थे।
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने कुछ दिन पहले कहा था कि पार्टी में युवाओं को अहमियत देने के साथ-साथ बुजुर्ग नेताओं क अनुभव का भी फायदा लिया जाएगा।
Created On :   30 March 2018 8:13 PM IST