अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला : ED का खुलासा, AP यानी अहमद पटेल, FAM मतलब फैमिली
- ED ने गुरुवार को चार्जशीट फाइल की है।
- अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम में इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट (ED) को एक बड़ी कामयाबी मिली है।
- बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने AP का मतलब अहमद पटेल और FAM का मतलब फैमिली बताया है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड स्कैम में इन्फोर्समेंट डिपार्टमेंट (ED) को एक बड़ी कामयाबी मिली है। ED ने गुरुवार को चार्जशीट फाइल की है, जिसमें कहा गया है कि बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने AP का मतलब अहमद पटेल और FAM का मतलब फैमिली बताया है। ED ने अपने चार्जशीट में बताया है कि उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर उनके पार्टी के नेताओं ने दबाव डाला था।
ED ने अपने चार्जशीट में बताया है कि अगस्ता वेस्टलैंड डील में बिचौलिए के माध्यम से करीब 70 मिलियन यूरो की घूस दी गई थी। इनमें से 30 मिलियन यूरो राशि कई एयरफोर्स ऑफिसर, ब्यूरोक्रेट और राजनेताओं को दी गई थी। ED ने बताया कि क्रिश्चियन मिशेल ने आखिरकार बजट शीट में इस्तेमाल किए गए शब्दों का अर्थ बता दिया है। यह शब्द उन लोगों के लिए इस्तेमाल किए गए हैं, जिन्हें घूस दी गई है। ED के चार्जशीट के अनुसार यह तत्कालीन सरकार के बड़े मंत्रियों के नाम हैं। क्रिश्चियन मिशेल ने AP मतलब अहमद पटेल और FAM का मतलब फैमिली बताया है।
बता दें कि गुरुवार को ED ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। सूत्रों के मुताबिक ED की चार्जशीट में क्रिश्चियन मिशेल का बयान और एक एफिडेविट भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार इस चार्जशीट में कुछ ऐसे दावे किए गए हैं, जो कुछ दिग्गज नेताओं को परेशानी में डाल सकता है।
इससे पहले एक और आरोपी बिचौलिए सुशेन गुप्ता ने बड़ा खुलासा किया था। ED ने कहा था कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला में "आरजी" नाम के किसी इंसान ने साल 2004 से 2016 के बीच 50 करोड़ रुपये घूस ली थी। ED के अनुसार खुद सुशेन गुप्ता ने यह बात कबूली थी, लेकिन वह इसका फुलफॉर्म नहीं बता रहा है। इसी के साथ ED ने कोर्ट से सुशेन गुप्ता को हिरासत में लेने की मांग की थी।
क्या है अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला
साल 2010 में तत्कालीन मनमोहन सरकार ने इंडियन एयरफोर्स के लिए 12 वीवीआईपी हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए इटैलियन कंपनी अगस्ता-वेस्टलैंड से सौदा किया था। यह सौदा 3600 करोड़ में हुआ था। सौदे में 360 करोड़ के कमीशन के भुगतान के आरोपों के बाद साल 2014 में केन्द्र सरकार ने इस सौदे को रद्द कर दिया था। रक्षा मंत्रालय ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस मामले में पूर्व वायुसेना प्रमुख समेत कई अधिकारियों का नाम सामने आया था।
मामला सामने आने के बाद से ही इस सौदे में बिचौलियों की भूमिका में रहने वाले लोगों की CBI को तलाश थी। क्रिश्चियन मिशेल, गुइदो हाश्के और कार्लो गेरेसा पर इस सौदे में बिचौलिया होने के आरोप लगे थे। भारत सरकार तभी से इन तीनों को प्रत्यर्पित करने का प्रयास कर रही थी। लंबी कोशिशों के बाद अब जाकर तीन में से एक बिचौलिया भारत सरकार, यूएई से प्रत्यर्पित करने में कामयाब हुई है।
Created On :   4 April 2019 5:24 PM GMT