आईआईटी दिल्ली में काटे जाएंगे 75 वृक्ष, 82 का होगा प्रत्यारोपण
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- इंजीनियर ब्लॉक के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आईआईटी दिल्ली को लैब और रिसर्च के लिए जल्द ही नई बिल्डिंग मिलेगी। प्रोजेक्ट के लिए 157 पेड़ों को हटाया और प्रत्यारोपित किया जाएगा, लेकिन इसकी एवज में परिसर के अंदर 1570 नए पेड़ लगाए जाएंगे। परिसर में बनाए जा रहे इंजीनियरिंग ब्लॉक और मिनी एकेडमिक कॉम्प्लेक्स का इस्तेमाल लैब और रिसर्च कार्य के लिए होगा। नई बिल्डिंग के बन जाने से हजारों छात्र लाभांवित होंगे। इस संबंध में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, ह्यह्यहमने एक बड़े फैसले में आईआईटी दिल्ली में एक नए मिनी एकेडमिक ब्लॉक और इंजीनियर ब्लॉक के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
दरअसल, दिल्ली के हौज खास स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली परिसर में इंजीनियरिंग ब्लॉक और मिनी एकेडमिक कॉम्प्लेक्स का निर्माण किया जाना है। इसके निर्माण में 157 पेड़ आड़े आ रहे हैं। इनको हटाने को लेकर आईआईटी दिल्ली ने दिल्ली सरकार से अनुमति देने को लेकर एक प्रपोजल बनाकर भेजा था। अभी आईआईटी दिल्ली को शैक्षणिक कार्य को सुचारू रूप से संचालित करने में पर्याप्त बिल्डिंग की कमी की वजह से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। नई बिल्डिंग का उपयोग लैब और अनुसंधान कार्य के लिए किया जाएगा। इस समस्या का स्थाई हल निकालने के लिए संस्थान द्वारा इंजीनियरिंग ब्लॉक और मिनी एकेडमिक कॉम्प्लेक्स बनाया जा रहा है। आईआईटी दिल्ली ने प्रोजेक्ट में बाधक बन रहे 82 पेड़ों को प्रत्यारोपित करने और 75 पेड़ों को काटने की अनुमति देने की मांग की थी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आईआईटी दिल्ली के छात्रों के हितों को ध्यान में रखते इंजीनियरिंग ब्लॉक और मिनी एकेडमिक कॉम्प्लेक्स के निर्माण में आड़े आ रहे पेड़ों को काटने और प्रत्यारोपण की अनुमति दे दी है। इसकी अनुमति मिलने के बाद आईआईटी दिल्ली के हजारों छात्रों और संकायों सदस्य लाभांवित होंगे।
इस प्रोजेक्ट के आसपास 259 पेड़ हैं, जिसमें 157 पेड़ प्रोजेक्ट के अंदर आ रहे हैं। सरकार ने आईआईटी दिल्ली को 157 में से 82 पेड़ों को प्रत्यारोपित करने और 73 पेड़ों को काटने की अनुमति दी है। आईआईटी दिल्ली को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि अनुमति प्राप्त होने के तुरंत बाद मानदंडों के अनुसार 10 गुना वृक्षारोपण शुरू कर दिया जाए और तीन महीने के अंदर इसको पूरा किया जाए। इसके बाद संबंधित वृक्ष अधिकारी को इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी 2020 की सभी शर्तों का पालन करना होगा और सभी पेड़ों की देखरेख की जिम्मेदारी भी लेनी होगी।
आईआईटी दिल्ली को यह सुनिश्चित करना है कि प्रोजेक्ट में आ रहे 157 पेड़ों के अलावा अन्य पेड़ों को कोई नुकसान न पहुंचे और कोई पेड़ क्षतिग्रस्त होता है, तो यह दिल्ली वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1994 के तहत अपराध माना जाएगा। प्राप्त अनुमति के अनुसार, आईआईटी दिल्ली को 157 पेड़ों को हटाने की एवज में 10 गुना यानी 1570 पौधे लगाने के साथ ही 53 फीसद (82) पेड़ों को प्रत्यारोपित करना होगा। साथ ही, अगले 7 वर्षों तक इन पेड़ों के रख-रखाव की जिम्मेदारी भी संभालनी होगी।
(आईएएनएस)
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Created On :   21 Oct 2022 5:00 PM IST