काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की संख्या में 64 फीसदी का इजाफा

64% increase in the number of tourists in Kaziranga National Park
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की संख्या में 64 फीसदी का इजाफा
असम काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों की संख्या में 64 फीसदी का इजाफा
हाईलाइट
  • विदेशी पर्यटकों सहित कुल 2
  • 75
  • 835 पर्यटकों ने विश्व धरोहर पार्क का दौरा किया

डिजिटल डेस्क, गुवाहाटी। असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (केएनपीटीआर) में पर्यटकों की संख्या सालाना 2.75 लाख से भी अधिक पहुंच गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 64 प्रतिशत अधिक है। भारत के सातवें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान ने 2021-2022 के दौरान 6 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है, जो कि एक सर्वकालिक रिकॉर्ड संग्रह है।

2021-2022 में राजस्व संग्रह पिछले वर्ष (2020-2021) 3.60 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना हो गया है। केएनपीटीआर के निदेशक जतिन शर्मा ने बुधवार को कहा कि पिछले साल अक्टूबर से इस साल मई की अवधि के दौरान 1,719 विदेशी पर्यटकों सहित कुल 2,75,835 पर्यटकों ने विश्व धरोहर पार्क का दौरा किया, जिसने एक सर्वकालिक रिकॉर्ड बना दिया है। कुल मिलाकर, 2,74,116 घरेलू पर्यटकों ने 2,600 से अधिक एक सींग वाले भारतीय गैंडों के घर (उद्यान) का दौरा किया।

अक्टूबर से मई केएनपीटीआर में मुख्य पर्यटन मौसम है, जो विदेशी और घरेलू दोनों पर्यटकों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्य है। वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी शर्मा ने कहा कि अब तक का रिकॉर्ड बनाते हुए, पर्यटकों से 2021-2022 में राजस्व के रूप में 6,39,23,389 रुपये एकत्र किए गए हैं। 2020-2021 में, कोविड-19 महामारी के बावजूद, 1,67,644 पर्यटकों ने उद्यान का दौरा किया, जिसमें कुल राजस्व 3,60,00,611 रुपये रहा था। उद्यान के निदेशक के अनुसार, 2019-2020 में, कुल 1,42,859 पर्यटकों ने यहां का दौरा किया, जिससे 4,20,63,541 रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण 2019-2020 और 2020-2021 की अवधि के दौरान यहां पर्यटकों का आना प्रभावित हुआ था। शर्मा ने कहा कि केएनपीटीआर के विकास और जानवरों की सुरक्षा के लिए, असम वन और वन्यजीव विभाग ने अवैध शिकार और अन्य खतरों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं।

उन्होंने कहा कि यहां कुल 144 मानव निर्मित वैज्ञानिक रूप से डिजाइन किए गए हाइलैंड्स हैं, जिनमें 33 बड़े हाइलैंड्स शामिल हैं। यह बाढ़ के दौरान जानवरों के आवास के लिए सहायक रहते हैं। केएनपीटीआर, जो असम के पांच जिलों - गोलाघाट, नगांव, सोनितपुर, विश्वनाथ और कार्बी आंगलोंग में फैला हुआ है, न केवल एक सींग वाले गैंडों का घर है, यह रॉयल बंगाल टाइगर, एशियाई हाथियों, जंगली भैंसों और जंगली भैंसों का भी घर है। इसके साथ ही यहां हजारों पक्षियों के साथ ही अन्य कई पशु प्रजातियां भी पाई जाती हैं।

 

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Created On :   1 Jun 2022 10:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story