प्रीडेटर ड्रोन पर घिरी मोदी सरकार! कांग्रेस ने चार गुना महंगी कीमत पर ड्रोन खरीदने के लगाए आरोप

प्रीडेटर ड्रोन पर घिरी मोदी सरकार! कांग्रेस ने चार गुना महंगी कीमत पर ड्रोन खरीदने के लगाए आरोप
  • प्रीडेटर ड्रोन पर घिरी मोदी सरकार!
  • कांग्रेस ने चार गुना महंगी कीमत पर ड्रोन खरीदने के लगाए आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बुधवार को प्रेस कॉन्फेंस के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला है। पहले तो उन्होंने पीएम मोदी के महंगे शौक के बारे में जिक्र किया। उसके बाद पवन खेड़ा ने हाल ही में हुए अमेरिका के साथ रक्षा सौदे पर भी सवाल खडे़ किए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने ड्रोन की कीमतों पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि जो राफेल डील में हुआ था, वही प्रीडेटर ड्रोन की खरीद में दोहराया जा रहा है। साथ ही, पवन खेडा का आरोप है कि जिस प्रीडेटर ड्रोन को दुनिया के बाकी देश चार गुना कम कीमत पर खरीद रहे हैं, उसे भारत ऊंची कीमत पर क्यों खरीद रहा है? बता दें कि, इस रक्षा सौदे को 15 जून 2023 को मंजूरी दे दी गई है।

केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए खेड़ा ने कहा, "राफेल डील में जो हुआ उसे एक बार फिर अमेरिका के साथ प्रीडेटर ड्रोन सौदे के साथ दोहराया जा रहा है। विश्व के दूसरे देश इसी ड्रोन को चार गुणा कम कीमत पर खरीद रहे हैं लेकिन भारत 31 प्रीडेटर डोन 3 अरब अमेरिकी डॉलर यानी 25,000 करोड़ रुपये में खरीद रहा है। इस हिसाब से हमें एक ड्रोन खरीदने में 880 करोड़ रुपये लगे हैं।"

खेड़ा ने मेक इन इंडिया पर उठाए सवाल

मोदी सरकार द्वारा लाई गई 'मेक इन इंडिया' पर सवाल उठाते हुए पवन खेड़ा ने कहा, "कहां गया मेक इन इंडिया? आपने (पीएम मोदी) रुस्तम और घातक जैसे ड्रोन के विकास के लिए रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) को 1786 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। फिर आपको अमेरिका से ड्रोन खरीदने के लिए 25,000 करोड़ रुपये क्यों खर्च करने पड़े?"

इसके अलावा पवन खेड़ा ने बताया कि जो ड्रोन भारत ने अमेरिका से खरीदे हैं। वह अमेरिका की 'पुरानी तकनीक' का ड्रोन है और वह उसके लिए 'वेस्ट मैटेरियल' है। खेड़ा ने आगे कहा, "जब हम बेकार चीजों को खरीदते हैं तो उसे उसकी कीमत से ज्यादा पैसे में कैसे खरीद सकते है? जैसा कि जानकारी मिली है कि इसके साथ टेक्नोलॉजी भी नहीं साझा की जा रही है। तो फिर हम इसे इतने महंगे में क्यो खरीद रहे हैं? क्या अमेरिका के साथ इस खरीद में एक ड्रोन के साथ एक पेगासस फ्री मिला है या फिर कोई इलेक्टोरल बांड हुआ है?"

ड्रोनाचार्य कौन?

खेडा ने बताया कि इस डील के तहत भारत ने कुल 31 ड्रोन (16 स्काई गार्डियन और 15 सी गार्डियन ड्रोन) खरीदे हैं। इस ड्रोन को अमेरिकी ऊर्जा और डिफेंस कॉरपोरेशन जनरल एटॉमिक्स द्वारा बनाया गया है। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी ड्रोन कंपनी के साथ करीबी संबंधों पर सवाल उठाए। खेड़ा ने दावा किया, "हमे पता है कि मोदी सरकार में किस शख्स के जनरल एटॉमिक्स के सीईओ के साथ घनिष्ठ संबंध हैं और हम यह भी जानते हैं कि सीईओ ने सरकार के किस महत्वपूर्ण व्यक्ति के साथ कितनी मीटिंग की हैं?" उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि जब जरूरत 15 ड्रोन की थी तो हमने 31 ड्रोन क्यों खरीदे? इस दौरान उन्होंने एक महत्वपूर्ण शख्स को ड्रोनाचार्य के नाम से पुकारा। हालांकि उन्होंने उस ड्रोनाचार्य के नाम का खुलासा नहीं किया। इसके बाद उन्होंने पत्रकारों से इस ड्रोनाचार्य के बारे में पत्ता लगाने को कहा।

जानकारी के मुताबिक, भारत सरकार ने जो 31 ड्रोन अमेरिका से खरीदे है उनका नाम एमक्यू-9बी रीपर ड्रोन, जिसे प्रीडेटर-बी ड्रोन के नाम से भी जाना जाता है। इसकी औपचारिक अधिग्रहण प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी। रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया था कि इस रक्षा डील की कीमत और अन्य नियम और शर्तं अभी तय नहीं की गई है। बयान में कहा गया है कि इस डील को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है। यह पूरी प्रक्रिया अभी केवल और केवल बातचीत पर अधारित है।

Created On :   28 Jun 2023 3:02 PM GMT

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