डॉ. मनमोहन सिंह की कहानी: मनमोहन सिंह ने किए देश के लिए चार बड़े काम, जिन्हें आज भी भुला पाना है मुश्किल, एक फैसले से बदली थी आर्थिक दशा

मनमोहन सिंह ने किए देश के लिए चार बड़े काम, जिन्हें आज भी भुला पाना है मुश्किल, एक फैसले से बदली थी आर्थिक दशा
  • मनमोहन सिंह ने किए भारत के लिए कई बड़े काम
  • भारत की इकॉनोमिक क्राइसिस में की थी मदद
  • देश के लिए मनमोहन सिंह के 4 बड़े काम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर की रात को निधन हो गया था। वो ना ही सिर्फ देश के प्रधानमंत्री थे, बल्कि एक महान अर्थशास्त्री और विद्वान नेता भी थे। साल 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री भी रह चुके हैं। वित्त मंत्री के रूप में जो उन्होंने काम किए वो आज भी भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था की जड़ हैं। चलिए उनके इन 4 फैसलों के बारे में जानते हैं।

साल 1991 था भारत के लिए एक बुरा सपना

साल 1991 भारत के लिए एक बहुत ही मुश्किल साल था। पूरा देश फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रहा था। विदेशी मुद्रा भंडार पूरा खत्म होने को था, साथ ही देश का दिवालिया भी होने वाला था। ऐसे मुश्किल वक्त में, वित्त मंत्री के तौर पर डॉ. मनमोहन सिंह ने कमान संभाली थी। उन्होंने उस समय के पीएम पी.वी. नरसिम्हा राव के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए कई क्रांतिकारी फैसले भी लिए थे। डॉ. मनमोहन सिंह ने देश से लाइसेंस राज भी खत्म कर दिया था, जिससे व्यापार बहुत ही आसान हो गया था। साथ ही उन्होंने इंपोर्ट और एक्सपोर्ट पर लगे प्रतिबंधों को कम कर दिया था। इससे विदेशी कंपनियों के लिए भी भारत में व्यापार करना आसान हो गया था। डॉ. मनमोहन सिंह ने विदेशी कंपनियों को भारत में इंवेस्ट करने के लिए भी प्रोत्साहित किया था। इससे देश में नई तकनीक भी आई, साथ ही रोजगार भी बढ़ा था। इन सुधारों के चलते नतीजा ये हुआ कि भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ने लगी थी, विदेशी निवेश बढ़ा और भारत भी दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल हो गया था।

राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम

साल 2004 में डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में गरीबों और ग्रामीणों के विकास पर काफी जोर दिया था। साल 2005 में उन्होंने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम लागू किया था। इसके तहत गांव वाले इलाकों में रहने वाले हर परिवार के लिए साल में कम से कम 100 दिन की मजदूरी की गारंटी दी गई थी। अगर सरकार 100 दिन का काम नहीं दे पाती है, तो उसको बेरोजगारी भत्ता देना पड़ता था। इस योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में गरीबी काफी कम हुई थी।

सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI)

डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने साल 2005 में सूचना का अधिकार अधिनियम लागू किया था। ये एक क्रांतिकारी कानून था। इस कानून के तहत भारत का हर एक नागरिक किसी भी सरकारी विभागों से जानकारी मांग सकता था। इससे सरकारी कामों में तेजी आई साथ ही भ्रष्टाचार भी कम हुआ था

भारत-अमेरिका परमाणु समझौता

डॉ. मनमोहन सिंह ने साल 2008 में अमेरिका के साथ मिलकर एक ऐतिहासिक परमाणु समझौता कयिा था। इस समझौते को 123 समझौता के नाम से भी जाना जाता है। इस समझौते में भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए और परमाणु तकनीक और ईंधन मिलने का रास्ता साफ हो गया था। इससे दुनिया में भारत का कद भी बढ़ा था और भारत को एक जिम्मेदार परमाणु शक्ति के रूप में मान्यता भी मिली थी।

Created On :   27 Dec 2024 6:39 PM IST

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