सूर्य ग्रहण 2024: सूर्य के पास होकर भी आदित्य एल-1 नहीं ले पाएगा एक भी तस्वीर, इसरो के चेयरमेन ने बताई वजह

सूर्य के पास होकर भी आदित्य एल-1 नहीं ले पाएगा एक भी तस्वीर, इसरो के चेयरमेन ने बताई वजह
  • सूर्य ग्रहण को आदित्य एल-1 नहीं देख पाएगा
  • इसरो के चेयरमेन ने की पुष्टि
  • आदित्य एल-1 को सूर्य हमेशा पूरा ही नजर आता है- इसरो

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सूर्य का अध्ययन करने के लिए बनाई गई आदित्य एल-1 भारत की पहली अंतरिक्ष आधारित सौर वेधशाला (solar observatory) सैटेलाइट है। इस सैटेलाइट को पिछले वर्ष ही अंतरिक्ष में भेजा गया है। सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजने का मुख्य उद्देश्य सूर्य का अध्यन करना है। इस सैटेलाइट को ऐसी जगह पर स्थापित किया गया है जहां से सूर्य 24x7 दिखता है। लेकिन आज अमेरिका में होने वाले पूर्ण सूर्य ग्रहण को आदित्य एल-1 नहीं देख पाएगा। बता दें कि करीब एक सदी बाद अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखने जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका के विशाल क्षेत्र में दिखाई देगा। ऐसी घटनाएं बड़ी दुर्लभ होती हैं। जो कई सालों में एक बार ही देखने को मिलती हैं। इसलिए अमेरिका में इस सूर्य ग्रहण को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही है। वहीं पूर्ण सूर्य ग्रहण को देखने के लिए अमेरिका में स्काइडाइविंग से लेकर विशेष उड़ानो जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। पूर्ण सूर्य ग्रहण खासकर न्यूयॉर्क के पश्चिमी और उत्तरी हिस्सों में देखने को मिल रहा है।

इसरो ने क्या कहा?

इसरो चेयरमैन एस. सोमनाथ का कहना है कि भारत का आदित्य एल-1 सैटेलाइट इस घटना को नहीं देख पाएगा। क्योंकि सैटेलाइट को ऐसे स्थान पर भेजा गया है, जहां से सूर्य 24x7 दिखता है। जिसका सीधा सा ये मतलब है कि इस जगह से सूर्य हमेशा पूरा ही नजर आता है। ग्रहण के समय भी आदित्य एल-1 को सूर्य पूरा ही दिखाई देगा। इसलिए इस सेटेलाइट से ग्रहण की तस्वीर मिलना मुश्किल है। भारत की इस सैटेलाईट का वजन लगभग 1,500 किलोग्राम है। इसे 400 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। सूर्य की निगरानी रखने वाला यह भारत का पहला मिशन है।

अंधेरा कायम रहेगा

अमेरिका में होने वाली इस घटना को लेकर अमेरिकी सरकारी एजेंसी नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) का कहना है कि पूर्ण सूर्य ग्रहण सोमवार (8 अप्रैल, 2024) को उत्तरी अमेरिका, मैक्सिको, संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में दिखाई देगा। सूर्य ग्रहण के दौरान करीब चार मिनट तक अंधेरा छाया रहेगा। और यह पूरी घटना कई घंटों तक चलेगी। कई रिसर्च करने के अलावा आज नासा ग्रहण का पीछा करने के लिए स्पेशल रिसर्च प्लेन भी उड़ाएगा।

Created On :   8 April 2024 12:10 PM GMT

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