हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: पूर्व सीएम की सीट पर भाई-बहन में होगी जंग, हाई प्रोफाइल सीट तोशाम पर किसकी होगी जीत?

पूर्व सीएम की सीट पर भाई-बहन में होगी जंग, हाई प्रोफाइल सीट तोशाम पर किसकी होगी जीत?
  • हरियाणा के तोशाम में भाई-बहन में होगी जंग
  • पहले भी परिवार वाले चुनावों में आचुके आमने सामने
  • हरियाणा में 5 अक्टूबर से होने हैं चुनाव

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हरियाणा की तोशाम विधानसभा सीट राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बंसीलाल के परिवार का गढ़ है। इस सीट से बंसीलाल का परिवार साल 1967 से अब तक 14 बार चुनाव लड़ चुके हैं। जिसमें उनके परिवार वालों ने 12 बार जीत दर्ज की है। बंसीलाल ने यहां से सात बार यहां से चुनाव लड़ा था जिसमें 6 बार जीते थे। यहीं से जीतकर बंसीलाल तीन बार हरियाणा के सीएम बने। उनके बेटे सुरेंद्र सिंह ने चार बार चुनाव लड़ा जिसमें तीन बार जीत हासिल की। साल 2005 में सुरेंद्र सिंह के शांत होने के बाद इस सीट पर उपचुनाव हुए थे जिसमें उनकी पत्नी किरण चौधरी ने जीत हासिल की थी। साल 2009 से लेकर 2019 तक इस सीट पर किरण चौधरी का ही दबदबा बना रहा। इस बार तोशाम विधानसभा सीट पर बंसीलाल और बंसीलाल का महा मुकाबला होने वाला है।

पोता और पोती आमने-सामने

तोशाम विधानसभा सीट पर बंसीलाल के पोते और पोती के बीच आमना-सामना होने जा रहा है। कांग्रेस से क्रिकेट मैनेजर से नेता बने अनिरुद्ध चौधरी को टिकट मिला है। अनिरुद्ध चौधरी का मुकाबला उनकी ही चचेरी बहन और पूर्व सांसद श्रुति चौधरी से होने जा रहा है। श्रुति चौधरी को भाजपा से टिकट मिली है। श्रुति चौधरी बंसीलाल के छोटे बेटे स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह और भाजपा नेता किरण चौधरी की बेटी हैं।

किरण चौधरी ने अपनी बेटी और अपने समर्थकों के साथ भाजपा का हाथ थाम लिया था। बता दें श्रुति चौधरी कांग्रेस की हरियाणा की कार्यकारी अध्यक्ष थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि हरियाणा में पार्टी की राज्य इकाई को व्यक्तिगत जागीर के रूप में चलाया जा रहा था।

पहली बार अनिरुद्ध लड़ेंगे चुनाव

अनिरुद्ध चौधरी की उम्र 48 साल है। उन्होंने एलएलबी कर रखी है और वह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। अनिरुद्ध तोशाम सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा था, "तोशाम से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ुंगा। ये बात मैंने पहले ही साफ कर दी थी। यहां के युवाओं का हमें साथ मिल रहा है। तोशाम से टिकट मिलने पर टिकट की दौड़ वाले सारे नेता मेरा साथ देंगे।" वहीं उन्होंने अपनी चाची को घेरे में लेते हुए कहा कि मेरी चाची किरण चौधरी नहीं चाहती कि मैं तोशाम से चुनाव लड़ूं। भाजपा में जाकर चाची ने मुझे राजनीतिक तौर पर बहुत मजबूत बना दिया है।

श्रुति चौधरी हैं अनुभवी

श्रुति चौधरी को राजनीतिक तौर तरीकों का बहुत अच्छे अनुभव है। साल 2009 में लोकसभा चुनाव जीतकर वह पहली बार सांसद बनीं थी। साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में उनको हार का भी सामना करना पड़ा था। साल 2024 में उनको लोकसभा की टिकट ही नहीं दी गई थी।

बंसीलाल और बंसीलाल के और भी हुए मुकाबले

ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब बंसीलाल और बंसीलाल मुकाबला देखने मिल रहा है। साल 1998 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बंसीलाल के परिवार से लोगों में कांटे की टक्कर देखने मिली थी। बंसीलाल के दोनों बेटे सुरेंद्र सिंह और रणबीर सिंह महेंद्र के बीच भी कड़ा मुकाबला हुआ था। जिसमें रणबीर सिंह ने कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा था और सुरेंद्र सिंह ने हविपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। हविपा उनके पिता बंसीलाल की पार्टी थी। सुरेंद्र सिंह ने अपने पिता की पार्टी से चुनाव लड़कर जीत हासिल की थी।

कब है चुनाव?

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं। हरियाणा में चुनाव 5 अक्टूबर को होना है। नामांकन की लास्ट डेट 12 सितंबर है। और नामांकन पात्रों की जांच 13 सितंबर को होगी। नाम वापस लेने की लास्ट डेट 16 सितंबर है। मतपत्रों की गिनती 8 अक्टूबर को होगी।

हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। जिसमें से 73 सामान्य और 17 एससी की सीटें हैं। बता दें कि इस बार के चुनाव में 10,321 शतायु मतदाता लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। हरियाणा विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 3 नवंबर को खत्म हो रहा है।

Created On :   9 Sept 2024 8:24 AM GMT

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