दुश्मनी दोस्ती और व्यापार: भारत-ताइवान के बीच आर्थिक भागीदारी बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका फ्री ट्रेड ऑफर- हुसु चिएन

- भारत को चीन से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात को कम करना-ताइवान
- मुक्त व्यापार समझौता आर्थिक भागीदारी बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका
- भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है
डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। भारत और चीन के व्यापार को कम करने के उद्देश्य ने ताइवान ने बड़ा बयान दिया है। ताइवान ने भारत से कहा वह चीन से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के आयात को कम करने में हेल्प कर सकता है।
दिल्ली आए ताइवान के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हुसु चिएन ने भारत और ताइवान को फ्री ट्रेड ऑफर व्यापार करने पर समझौता करने की बात कही। चिएन ने इसे दोनों देशों की आर्थिक भागीदारी बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका बताया। जिससे नई दिल्ली को चीन से आयात कम करने में सहूलियत मिलेगी। चिएन रायसीना डायलॉग में शामिल होने के लिए दिल्ली में आए हुए है। उन्होंने भारत को एक युवाओं का देश बताते हुए बहुत बड़ा बाजार बताते हुए कहा ताइवान की टेक्नोलॉजी और जनसांख्यिकीय लाभांश के साथ, मैं आर्थिक सहयोग का उज्ज्वल भविष्य देखता हूं। ।
उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर आपको बता दें भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। 2023-24 में चीन से भारत का कुल इम्पोर्ट आयात 101.75 अरब अमेरिकी डॉलर था, जबकि एक्सपोर्ट 16.65 अरब अमेरिकी डॉलर था। ताइवान सेमीकंडक्टर के साथ साथ आईसीटी उत्पादों के मामले में भी भारत की काफी मदद कर सकता है। चीन से आयात होने वाले प्रमुख प्रोडक्ट में इलेक्ट्रॉनिक घटक, कंप्यूटर हार्डवेयर, दूरसंचार उपकरण, रसायन और दवा उत्पादों के लिए कच्चा माल शामिल हैं।
ताइवान के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हुसु चिएन ने कहा दोनों के बीच आर्थिक भागीदारी बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका मुक्त व्यापार समझौता करना होगा। भारत-ताइवान संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर हुसु चिएन ने अपने भारतीय वार्ताकारों के साथ चर्चा की। हुसु ने दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और संबंधों के बढ़ाने के साथ साथ विस्तार की बात कही।
Created On :   20 March 2025 6:46 PM IST