SC का बड़ा फैसला: 'लड़की का निजी अंग छूना और पायजामे का नाड़ा तोड़ना रेप या अटेम्प्ट टू रेप नहीं', HC के इस फैसले पर SC की रोक, दिया असंवेदनशील करार

लड़की का निजी अंग छूना और पायजामे का नाड़ा तोड़ना रेप या अटेम्प्ट टू रेप नहीं, HC के इस फैसले पर SC की रोक, दिया असंवेदनशील करार
  • HC के फैसले पर रोक
  • सुप्रीम कोर्ट ने खुद की सुनवाई
  • 14 साल की मासूम के साथ बदसलूकी से जुड़ा है मामला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा था कि नाबालिग लड़की का सीना छूना और पैंट के नाड़े को तोड़ना रेप या फिर अटेम्प्ट टू रेप नहीं माना जाएगा। हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी है। जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की बेंच ने बुधवार (26 मार्च) को इस मामले की सुनावई के दौरान यह रोक लगाई है। बेंच ने हाईकोर्ट के इस फैसले को असंवेदनशील और अमानवीय करार दिया है। इसी के साथ उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र और अन्य पार्टियों को नोटिस जारी कर के जवाब की मांग की है। आपको बता दें कि, HC के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने खुद अपनी ओर से सुनवाई करना ठीक समझा।

SC ने HC के फैसले को बताया असंवेदनशील

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने कहा- यह बहुत गंभीर मामला है। जिस जज ने यह फैसला दिया, उनकी ओर से बहुत असंवेदनशीलता दिखाई गई। हमें यह कहते हुए बहुत दुख है कि फैसला लिखने वाले में संवेदनशीलता कम थी।

हाई कोर्ट ने क्या कहा?

इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा ने कहा था कि किसी लड़की के प्राइवेट पार्ट को छूना, उसके पायजामें का नाड़े को तोड़ना और उसे पुलिया के नीते खींचने की कोशिश करना रेप या रेप का प्रयास नहीं है। इससे रेप या अटेम्प्ट टू रेप का केस नहीं बनता है।

14 साल की मासूम के साथ हुई बदसलूकी

आपको बता दें कि, यह मामला तीन साल पुराना है। उत्तर प्रदेश के कासगंज में रहने वाली 14 साल की बच्ची की मां ने 12 जनवरी 2022 को कोर्ट में शिकायत दर्ज करवाई थी। महिला का आरोप है कि 10 नवंबर 2021 को वह अपनी बेटी के साथ कासगंज के पटियाली में देवरानी के घर से वापस लौट रही थी। उस शाम, गांव में रहने वाले पवन आकाश और अशोक रास्ते में मिल गए और 14 साल की मासूम को बाइक से घर छोड़ने के लिए कहा। गांव के लोगों पर भरोसा कर के मां ने अपनी बेटी को उनके साथ जाने दिया। लेकिन बीच रास्ते में उन्होंने बच्ची के निजी अंगों को पकड़ लिया। आकाश ने उसे पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश की। हालांकि बच्ची चिल्ला पड़ी और उसकी आवाज सुनकर ट्रैक्टर से जा रहे सतीश और भूरे मौके पर पहुंचे। आरोपियों ने लोगों को आता देख देसी तमंचा दिखाया। इसके बाद उन्हें धमकी देकर भाग गए।

पुलिस ने नहीं सुनी शिकायत

पीड़िता की मां जब पुलिस स्टेशन एफआईआर लिखवाने पहुंची तो पुलिस ने उसकी एक न सुनी। इसके बाद महिला ने सीधे कोर्ट का दरवाजा खचखटाया। 21 मार्च 2022 को अदालत ने आवेदन को स्वीकार कर केस को आगे बढ़ाया।

किस सेक्शन के तहत हुआ केस दर्ज?

आरोपी पवन और आकाश के खिलाफ आईपीसी की धारा 376, 354, 354B के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा POCSO एक्ट की धारा 18 भी लगाई गई है। इसी के साथ, अशोक के खिलाफ आईपीसी का सेक्शन 504 और 506 भी लगा है।

Created On :   26 March 2025 2:38 PM IST

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