राजकोट अग्नि कांड: हादसे के बाद प्रशासन सख्त, 6 अधिकारियों को किया गया सस्पेंड, अब तक 12 बच्चों सहित 28 लोगों की गई जान
- राजकोट अग्नि कांड में प्रशासनिक कार्रवाई
- 6 अधिकारियों को किया गया निलंबित
- अब तक 12 बच्चों सहित 28 लोगों की गई जान
डिजिटल डेस्क, राजकोट। गुजरात के राजकोट के टीआरपी गेमिंग जोन में हुए हादसे के बाद प्रशासन हरकत में आ गई है। इस मामले में 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। राजकोट नगर निगम, सड़क एवं निर्माण विभाग और पुलिस विभाग के दो-दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है। मामले में एक्शन लेते हुए प्रशासन ने टाउन प्लानर गौतम जोशी और असिस्टेंट इंजीनियर जयदीप चौधरी को निलंबित कर दिया गया है। दोनों राजकोट नगर निगम के अधिकारी थे। इसके अलावा पुलिस इंस्पेक्टर एन आर राठौड़ और वी आर पटेल को भी पद से हटा दिया गया है। प्रशासनिक कार्रवाई के तहत सड़क एवं निर्माण विभाग के अधिकारी पारस कोठिया (एडिशनल इंजीनियर) और एम आर सुमा (डिप्टी इंजीनियर) को भी सस्पेंड कर दिया गया है। टीआरपी गेमिंग जोन में आग लगने के कारण अब तक 28 लोगों की मौत हो गई है। मरने वाले 28 लोगों में 12 बच्चे शामिल हैं।
एसआईटी गठित
मामले की जांच के लिए गुजरात सरकार ने पांच सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन (एसआईटी) टीम गठित की है। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने रविवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया था। इसके बाद उन्होंने मामले की जांच कर हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए। सीएम के निर्देश के बाद प्रशासन ने मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए 6 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा, ''राज्य सरकार मृतकों के परिवारों को 4 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये देगी। इस संबंध में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर उसे पूरी घटना की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।''
हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान
राजकोट के टीआरपी गेम जोन में लगे भीषण आग के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया। इस मामले पर हाई कोर्ट ने फायर सेफ्टी को लेकर नगर निगम से जवाब मांगा है। राजकोट अग्निकांड पर अदालत की विशेष पीठ ने रविवार को सुनवाई करते हुए कहा, 'यह मानव निर्मित आपदा है। अहमदाबाद में सिंधुभान रोड, सरदार पटेल रिंग रोड और एसजी हाईवे पर गेमिंग जोन सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं।'
राजकोट में हुए हादसे पर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और खुद संज्ञान याचिका दायर की। कोर्ट ने पाया कि गेमिंग जोन के निर्माण और संचालन के लिए नियमित और उचित नियमों का पालन नहीं किया गया है। रविवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत और राजकोट सहित निगम से स्पष्टीकरण मांगा।
Created On :   27 May 2024 12:02 PM IST