Trypophobia: अगर एक तरह के पैटर्न्स देखकर आपको भी लगता है डर, तो इस फोबिया के हो सकते हैं शिकार, जानें इसका इलाज
- कई लोगों को होता है ट्रायपोफोबिया
- एक पैटर्न से होती है घबराहट
- जानें ट्रायपोफोबिया के लक्षण
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोगों में तरह- तरह के फोबिया पाए जाते हैं जैसे पानी का, ऊंचाई का, भीड़ का, बिजली का या कीड़ों का और भी कई तरह के। यह एक ऐसी कंडीशन है जब इंसान अपने आस- पास की चीजों से डरना शुरू कर देता है। कभी- कभी यह डर इतना बढ़ जाता है कि सामने वाले को हॉस्पिटल भी पहुंचा सकता है। पानी, ऊंचाई के फोबिया के बारे में तो आप सब ने सुना होगा लेकिन एक ऐसा फोबिया भी है जिसके बारे में शायद कम ही लोग जानते होंगे। इस फोबिया को ट्रायपोफोबिया के नाम से जाना जाता है। तो चलिए जानते हैं इस फोबिया में इंसान को किस चीज से घबराहट होती है?
ट्रायपोफोबिया किसका डर है?
ट्रायपोफोबिया में बहुत सारे छोटे-छोटे होल्स या फिर एक तरह के पैटर्न्स को दिखने से डर लगता है। जैसे कि स्ट्रॉबेरीज और मधुमक्खी के छत्ते में मैजीद गड्ढों के झुंड को देख कर बेचैन होना या डर लगना ट्रायपोफोबिया होने का संकेत है। अगर बहुत सारे सेम पैटर्न्स को देख कर या फिर होल्स का समूह देख कर आपको डर लगता है तो आपको भी यह फोबिया हो सकता है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ट्रायपोफोबिया एक ग्रीक का शब्द है। यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है जिसका ट्रायपा औऱ फोबिया। ट्रायपा मतलब छेद होता है और फोबिया मतलब डर होता है। वैसे छेदों के डर वाले फोबिया (ट्रायपोफोबिया) को कोई सीरियस कंडीशन नहीं माना गया है। लेकिन अगर डॉक्टर राहुल राय कक्कड़ की मानें तो इनके हिसाब से ट्रायपोफोबिया एक सीरियस कंडीशन है। मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल्स यह मानते हैं कि यह फोबिया काफी लोगों को अफेक्ट करने की हिम्मत रखता है। 2024 के शुरुआती महीने में BJPsych Open जर्नल में एक रसर्च पब्लिश हुई थी जिसमें यह बताया गया था कि लगभग 10 से 18 प्रतिशत लोग ट्रायपोफोबिया से जूझते हैं। इन दस से अट्ठारह फीसदी लोगों को छोटे छेद या गड्ढे देख कर अजीब तरह की फीलिंग आती है, एंजाइटी होती है और डर लगता है।
कैसे पता करें किसी को ट्रायपोफोबिया है?
फोबिया के कूछ लक्षण दिखाइ पड़ते हैं। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि किसी को ट्रायपोफोबिया है तो आपको यह चीजें दिखेंगी
छेदों को या एक जैसे कई पैटर्न देख कर रौंगटे खड़े हो जाना,
शरीर से पसीना निकलना,
शरीर का कांपना,
डर लगना, घबराहट होना,
जी मचलना,
एंजाइटी
बता दें कि, ऐसा जरूरी नहीं कि फोबिया में सिर्फ घबराहट ही होती है। कभी- कभी ट्रायपोफोबिया एक खतरनाक रूप में नजर आता है जिसमें लोगों को पैनिक अटैक भी आता है।
ट्रायपोफोबिक लोगों को कौन सी चीजें उकसाती हैं?
यह चीजें देख कर या इन चीजों की पिक्चर देख कर ट्रायपोफोबिक्स का जी मचलने लगता है
मधुमक्खी का छत्ता
स्ट्रॉबेरी
ऐसी तस्वीरें जिनमें ढेर सारे छेद होते हैं
इंसानों की स्किन पर दिखने वाले ओपन पोर्स
कोरल
ट्रायपोफोबिया कैसे होता है?
यह फोबिया खानदानी हो सकता है। हो सकता है जिसको यह फोबिया है उसके परिवार के लोगों को कभी न कभी एंजाइटी या फोबियाज रहा हो। हो सकता है किसी के साथ ऐसा कुछ भयानक घटना हुई हो जिसकी वजह से उसको छेदों का डर बैठ गया हो। जिन लोगों को ओसीडी डिसऑर्डर हो, डिप्रेशन या एंजाइटी की समस्या हो उन लोगों को ट्रायपोफोबिया होने की संभावना होती है।
कैसे बचें ट्रायपोफोबिया से?
कॉग्नेटिव बिहेवरल थेरेपी
डॉ. कक्कड़ के मुताबिक यह थेरेपी फोबिया से राहत देने का काम करती है। इस थेरेपी से लोगों के थॉट्स को एक नई दिशा दी जाती है जिससे वह इस फोबिया को कंट्रोल करने में हेल्प करती है।
मेडिकेशन
ट्रायपोफोबिया से लड़ने के लिए खास तरह की ड्रग दी जाती है जो एंजाइटी से राहत दिलाने में कारगर साबित होती है। यह ड्रग तब ही दी जाती है जब इंसान का फोबिया जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है और वह रोजमर्रा के कामों को करनें में परेशानी झेलता है।
माइंडफुलनेस एंड रिलैक्सेशन टेक्निक्स
मेडिटेशन के जरिए एंजाइटी को कम किया जाता है। मसल्स को रिलैक्स करने के लिए एक्सरसाइज करना जरूरी है। इसलिए हमें लंबी और गहरी सांस लेनी चाहिए ताकी एंजाइटी कंट्रोल में रहे।
अवॉइडेंस एंड एनवायरमेंटल कंट्रोल
वह चीजें देखने से बचना चाहिए जो आपको उकसाती हों, जिससे आपको डर या घबराहट महसूस होती है जैसे स्ट्रॉबेरीज और मधुमक्खी का छत्ता। आप जितना इन चीजों को कम देखेंगे उतना ही डर कम लगेगा और एंजाइटी का खतरा भी टलेगा।
काउंसलिंग
अगर आप काउंसलिंग कराते हैं तो आप ट्रायपोफोबिया के बारे में और ज्यादा जान सकते हैं। उन लोगों से बात करिए जिनको यह फोबिया है और उनसे जानिए कि इस फोबिया से बचा कैसे जा सकता है।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   22 Jan 2025 3:39 PM IST