डॉ भावना राय पटेल: दिवाली पर होने वाले त्वचा रोग उनकें, कारण, लक्षण एवं बचाव, जानें एक्सपर्ट से
दिवाली भारत के मुख्य त्योहारों मे से एक है ,ये हर्षोउल्लास और धूमधाम का माहौल ,दिवाली की तैयारियां,रंग रोगन,शॉपिंग,तरह तरह की साज सज्जा,नये कपड़े,तरह तरह के पकवान,मसालेदार भोजन और मिठाईया ,सुंदर मेक-अप ,लगते तो बड़े लुभाबनें है लेकिन, हमारी त्वचा के लिए उतना ही विपरीत असर डालते हैं। दिवाली का त्योहार स्किन ब्रेक आउटस (skin breakouts) का मुख्य समय है ऐसा कहना है डॉ भावना पटेल का।।
दिवाली का आना सर्द ऋतु के आगमन का संकेत भी है, और जैसा की विदित है की सर्दियों मे त्वचा खुश्क हो जाती है और खुश्क त्वचा जल्दी अलर्जिक हो जाती है तथा इसमें खाज खुजली होना बहुत कॉमन समस्या है। दिवाली के दौरान घरों मे साफ सफाई भी होती है जिससे हमारी स्किन तरह तरह के स्किन एलर्जेन के संपर्क मे आती है और जिन व्यक्तियों की स्किन ओवर सेंसिटिव होती है वो तरह तरह के स्किन डिसीसेस से ग्रसित हो जाते हैं।
दिवाली में उपयोग होने वाले पटाखों से निकालने वाला धूआँ केमिकल युक्त होने के कारण वातावरन को दूषित करता है और त्वचा मे एलर्जी पैदा करता है।।
दिवाली पर होने वाले कॉमन त्वचा रोग
1.एकने पिंपल -दिवाली मे उत्पन्न दूषित वातावरण स्किन इंफेक्शन का कारण बनता है और ड्राईनेस से इंफेक्शन त्वचा मे आसानी से फैल जाता है।
2. क्रेकऐड स्किन, लिप्स और हील्स- सर्दिया और एयर पोलयूशन के चलते त्वचा ड्राई होकर फटने लगती है और इसका सबसे ज्यादा असर लिप्स और हील्स पर पड़ता है और उनमे क्रैक्स आ जाते हैं।
3. स्किन एलर्जी-खाज खुजली - दिवाली की सफाई मै मौजूद डस्ट यानी धूल मिट्टी एलर्जी का मुख्य कारण बनता है।
4. कांटैक्ट डरमेटाइटिस- फेस्टिव वाइब्स, पार्टी, मेक अप और जेवर् के उपयोग से कौन बचा है, इनके चलते अति सम्वेदनशील व्यक्तियों की त्वचा मे कांटैक्ट डरमेटाईटिस होने की संभावना काफी बड़ जाती है।
5. स्किन बर्न- लापरवाही के कारण पटाखों के उपयोग से प्रतिवर्ष कई लोग बर्न का शिकार हो जाते हैं।
6. एक्जिमा - ड्राईनेस और सर्दियों की खुश्की खुजली और एग्जीमा को जन्म देता है।
लक्षण
त्वचा मे दाने आ जाना,त्वचा मे खुजली होना ,त्वचा मे जलन होना ,त्वचा मे दर्द होना, लाल त्वचा होना, त्वचा का फटना , त्वचा में हाईवस होना ।
उपाय
1. खूब पानी पियें, खुदको हाईड्रेटेड रखें।
2. व्यायाम करें, सुबह सूर्योदय के बाद वॉक पर जाएँ, सुबह 5 से 6 का समय फूलों के खिलने से पोलेन् लोड ज्यादा होने से एलर्जी की संभावना बड़ जाती है। चाहें तो मॉर्निंग की अपेक्षा इवनिंग वॉक पर जाएँ।
3. ग्रीन वेजीटेबल्स, तथा एंटी ओक्सिडेंट्स रिच तरल लें जैसे की ग्रीन टी।
4. स्किन पर मोइसचुराईजर का उपयोग करें।संसक्रीन लोशन् का उपयोग सर्दियों मे भी करें। लिप्स पर लीप बॉम् या पेट्रोलियम जेली का उपयोग करें, पैरो में तथा एड़ियों में पेट्रोलियम जेली का उपयोग करें।
5. फॉगी वेदर मे ड्राईनेस से बचने के लिए त्वचा को कोवर्ड रखें यानी फुल आस्तीन के ड्रेस पहने।।सिर पर स्कार्फ का प्रयोग करें और पैरो मे मोजों का प्रयोग करें।
7. भोजन मे सूखे मेवे जैसे काजू, बदाम, अखरोट, पिस्ते का उपयोग करें। हरी पत्तेदार सब्जिया एवं मौसमी फल का प्रयोग करें।
8. डाईट मे हेल्थ सप्लिमेंटस जैसे की मल्टीविटामिंस, बायोटिन, ट्रेसएलेमेंटस, मिनरल्स का उपयोग करें।
9. सिट्रस् फ्रूटस लें, विटेमिन-सी का सेवन करें।
10. एयर कंडिसनर के फिल्टरस को साफ रखे ताकि बाहर से शुद्ध हवा का प्रवाह हो सकें और बाहर से आने वाले पोलुटेंट्स को लॉक कर सकें।
11. संभव हो तो वैक्यूम क्लीनर जिसमे HEPA फिल्टरस हों उनका प्रयोग करें ताकी कारपेट पर मौजूद डस्ट और पोलुटैंटस को ट्रैप कर सकें।
Created On :   9 Nov 2023 1:53 PM IST