हेल्थ: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के 12 जिलों में पाया गया पोलियो वायरस, भारत को पोलियो मुक्त बनाने के लिए चलाए कई अभियान, क्या है जानलेवा बीमारी के लक्षण?

पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के 12 जिलों में पाया गया पोलियो वायरस, भारत को पोलियो मुक्त बनाने के लिए चलाए कई अभियान, क्या है जानलेवा बीमारी के लक्षण?
  • WHO ने पोलियो को बताया खतरनाक बीमारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूरी दुनिया में ज्यादातर देश पोलियो मुक्त हो चुके हैं लेकिन पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अभी भी पाया जाता है। पोलियो एक जानलेवा बीमारी है। हाल के दिनों में पाकिस्तान के 12 जिलों में पोलियो का वायरल पाया गया है। जानकारी के मुताबिक, दुनिया में जितने भी पोलियो के केस सामने आते हैं उनमें से 85 परसेंट पाकिस्तान के होते हैं। तो चलिए जानते हैं आखिर ये जानलेवा बीमारी असल में है क्या और इसके लक्षण?

क्या है पोलिया?

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि पोलियो एक खतरनाक बीमारी है। यह बड़ी ही तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलती है। पोलियो वायरस गंदे पानी, खाने या किसी बीमार व्यक्ति के संपर्क में आने से शरीर में घुस जाते हैं। यह वायरस सीधे नर्वस सिस्टम पर असर डालना शुरू करता है। नर्वस सिस्टम हमारे दिमाग और शरीर के सभी हिस्सों के बीच संकेत भेजता है। जैसे सोने का, जागने का, बैठने या बोलने का। यह एक ऐसी बीमारी है जो कभी ठीक नहीं हो सकती। इससे नर्वस सिस्टम को ज्यादा नुकसान न हो इसलिए दवा का सहारा लिया जाता है। डॉक्टर्स ऐसी दवाएं खाने को देते हैं जिससे इम्युनिटी मजबूत बनी रहे। इम्युनिटी बॉडी में आए वायरस से लड़ने में मदद करती है।

टीका अभियान

दुनियाभर से पोलियो का नामो निशान मिटाने के लिए वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने साल 1988 में एक कार्यक्रम की शुरुआत की थी। भारत ने साल 1995 में इस बीमारी को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिए प्लस पोलियो कार्यक्रम चलाया। इस अभियान के तहत पांच साल तक छोटे बच्चों को पोलियो दवा की बूंद पिलाई जाती है। जिसको पोलियो का टीका के नाम से भी जाना जाता है। बता दें साल भारत में साल 2011 में पोलियो का अंतिम मामला देखा गया था। जिसके बाद साल 2012 में भारत को पोलियो प्रभावित देशों की गिनती से हटा दिया गया।

पोलियो मुक्त देश भारत

भारत ने पोलियो मुक्त देश बनने के लिए कई कार्यक्रम चलाए। जहां हर साल 6 से 8 बार कार्यक्रम होता था जिसके दौरान देश के लगभग 17 करोड़ बच्चों को पोलियो का टीका लगाया जाता थाकार्यक्रम की सफलता के लिए 24 लाख कार्यकर्ता जोरों शोरों से काम कर रहे थे।। इसी के साथ 1,000 करोड़ रुपये क बजट तय होत था। बता दें साल 2014 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित किया।

जंगली पोलियो वायरस

साल 2014 से भारत सरकार ने पोलियो को लेके एक खास कदम उठाया। अफगानिस्तान, नाइजीरिया, पाकिस्तान, इथोपिया, केन्या, सीरिया और कैमरून जैसे देशों से आने वाले लोगों को पोलियो का टीका लगवाना जरूरी हो गया। बता दें, पोलियो बड़ी ही खतरनाक बीमारी है जिसमें लोगों की जान भी जा सकती है। पोलियो के वायरस दो प्रकार के होते हैं। एक जंगली वायरस और दूसरा ओरल पोलियो वैक्सीन। जंगली वायरस पाकिस्तान, मध्य अफ्रीका, यमन और अफगानिस्तान में अभी भी मौजूद है।

पोलियो के सिमटम्स

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि 70% से 95% लोग ऐसे पाए गए हैं जिनके शरीर में पोलियो वायरस का कोई लक्षण नहीं दिखा है। लेकिन कुछ लोगों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी, थकान, गर्दन में दर्द, बॉडी पेन जैसी शिकायत होती है। वायरस का शिकार हुए 200 लोगों में से एक को लकवा मार सकता है। यह पैरालिसिस ज्यादातर पैरों में देखा गया है। पैरालाइज्ड लोगों में अगर सांस की समस्या होती है तो ऐसे लोगों को जान का खतरा भी होता है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (डॉक्टर/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   16 March 2025 5:07 PM IST

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