प्रचंड सरकार: नेपाल उपप्रधानमंत्री के इस्तीफे से प्रचंड सरकार को लगा बड़ा झटका

नेपाल उपप्रधानमंत्री के इस्तीफे से प्रचंड सरकार को लगा बड़ा झटका
  • यादव का इस्तीफा, पार्टी सरकार से बाहर
  • स्वास्थ्य एवं जनसंख्या राज्य मंत्री दीपक कार्की ने भी दिया इस्तीफा
  • अशोक राय ने जनता समाजवादी पार्टी नाम से एक नई पार्टी बनाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल में प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को बड़ा झटका लगा है।उनकी सरकार में शामिल उपप्रधानमंत्री और जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) के अध्यक्ष उपेन्द्र यादव ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे को लेकर यादव ने कहा, आज सुबह मैंने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री दहल को सौंप दिया। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य को देखते हुए मुझे सरकार के साथ अपना सहयोग जारी रखना अस्थिर लगता है।जेएसपी-नेपाल के प्रतिनिधि सभा (एचओआर) में कुल मिलाकर 12 विधायक थे। अब एचओआर में पार्टी की ताकत घटकर 5 रह गई है, क्योंकि राय और छह अन्य विधायक और 30 केंद्रीय समिति के सदस्य नई पार्टी में शामिल हो गए हैं। यादव के इस्तीफा देने के साथ ही उनकी पार्टी सरकार से बाहर हो गई है। यह एक तरह से प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को झटका है।

यूनीवार्ता के मुताबिक प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार में गठबंधन सहयोगियों में से एक जेएसपी-एन अपने अधिकांश सांसदों और कई केंद्रीय समिति के सदस्यों की ओर से एक नई पार्टी के लिए आवेदन करने के बाद गठबंधन सरकार से अलग हो गई है। पार्टी के नेता उपप्रधानमंत्री और स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री उपेन्द्र यादव तथा पार्टी के स्वास्थ्य एवं जनसंख्या राज्य मंत्री दीपक कार्की ने प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल को अपना इस्तीफा सौंपते हुए बंधन सरकार से नाता तोड़ दिया।

पूर्व पर्यावरण मंत्री और सत्तारूढ़ सीपीएन-माओवादी केंद्र की केंद्रीय समिति के सदस्य सुनील मनंधर ने कहा पार्टी के सरकार से बाहर होने का प्रचंड के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार पर तत्काल प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि लंबे समय बाद सरकार पर असर पड़ सकता है।

खबरों के मुताबिक जनता समाजवादी पार्टी-नेपाल (जेएसपी-एन) के अध्यक्ष यादव का इस्तीफा, उनकी पार्टी के दो समूहों में विभाजित होने के एक हफ्ते बाद आया है, जिसमें वरिष्ठ नेता अशोक राय ने जनता समाजवादी पार्टी नाम से एक नई पार्टी बनाई है। नई पार्टी को चुनाव आयोग ने मान्यता दे दी है।

प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के पास अभी भी सीपीएन-यूएमएल की 77 सीटों, माओवादी सेंटर की 32, राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी की 21, नवगठित जनता समाजवादी पार्टी की सात और सीपीएन-यूनिफाइड की 10 सीटों के साथ बहुमत है। गठबंधन को बहुमत साबित करने के लिए 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में कम से कम 138 सीटों की आवश्यकता है।

खबरों के मुताबिक विपक्षी नेपाली कांग्रेस प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री माधव नेपाल के नेतृत्व वाले जेएसपी-नेपाल और सीपीएन-यूएस को एकजुट करने की कोशिश कर रही है। नेपाली कांग्रेस वर्तमान में सहकारी निधि के दुरुपयोग के मामले को लेकर उपप्रधानमंत्री और गृह मंत्री रवि लामिछेने के इस्तीफे की मांग कर रही है।

Created On :   13 May 2024 6:38 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story