अमेरिका ने चीन को दलाई लामा से बातचीत करने को कहा
- अमेरिका ने चीन को दलाई लामा से बातचीत करने को कहा
डिजिटल डेस्क, धर्मशाला। तिब्बती मसलों के लिए अमेरिकी विशेष समन्वयक, उजरा जेया ने शुक्रवार को चीन से दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों के साथ बिना किसी पूर्व शर्त के प्रत्यक्ष संवाद करने का आह्वान किया।
विशेष समन्वयक उजरा जेया ने तिब्बत टीवी के साथ एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी करते हुए कहा कि मानवाधिकारों के प्रति अमेरिकी प्रशासन की दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए हमने तिब्बतियों के लिए सार्थक स्वायत्तता हासिल करने की दिशा में चीनी पक्ष को दलाई लामा या उनके प्रतिनिधियों से सीधी बातचीत करने को कहा है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में उनकी भूमिका पूरी तरह से अमेरिकी विदेश नीति में मानवाधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों को अहम मानने की राष्ट्रपति बिडेन की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करने और तिब्बती लोगों के मानवाधिकारों को आगे बढ़ाने ,उनके ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और भाषाई अधिकारों को संरक्षित करने के लिए चीनी अधिकारियों को इस प्रक्रिया को शामिल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसमें दलाई लामा और तिब्बती बौद्ध धर्मगुरुओं के चयन और पूजा में चीनी हस्तक्षेप को समाप्त करने का आह्वान भी शामिल है।
उन्होंने कहा हम अमेरिका और अन्य अधिकारियों तथा आप जैसे पत्रकारों के लिए तिब्बत तक पहुंच बढ़ाने का भी आह्वान कर रहे हैं, और जिस तरह चीनी अधिकारियों की हमारे देश तक आसान पहुंच है, हम भी चीन से वही चाहते हैं।
उन्होंने कहा हम तिब्बती शरणार्थियों की बहुत महत्वपूर्ण मानवीय जरूरतों के मसले पर ध्यान देना चाहते हैं। हम उनकी आजीविका में सुधार के अवसरों के पक्ष में हैं और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें जबरन चीन नहीं लौटना चाहिए।
चीन-तिब्बत वार्ता को बहाल करने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी सरकार, अमेरिकी संसद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में समान विचारधारा वाले लोगों तथा सरकारों के साथ मिलकर काम करना चाहती हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि तिब्बतियों के लिए सार्थक स्वायत्तता , उनके धर्म, संस्कृति और भाषा के संरक्षण को सुनिश्चित संबंधी समझौता इस क्षेत्र में दीर्घकालिक स्थिरता के लिए बेहतर अवसर प्रदान करता है।
आगामी बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के मुद्दे पर अमेरिकी सरकार के रूख पर उन्होंने कहा शिनजियांग में जारी नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों तथा तिब्बत सहित उनके अन्य गंभीर मानवाधिकारों के हनन को देखते हुए बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक और पैरालंपिक खेलों के लिए अमेरिका ने कोई राजनयिक या आधिकारिक प्रतिनिधित्व नहीं भेजने का एक सैद्धांतिक निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि दलाई लामा 1959 में अपनी मातृभूमि तिब्बत से आने के बाद भारत में रह रहे हैं। उनकी निर्वासित सरकार हिमाचल प्रदेश के उत्तरी पहाड़ी शहर धर्मशाला में स्थित है।
आईएएनएस
Created On :   14 Jan 2022 9:00 PM IST