पाकिस्तान: टेरर फंडिंग मामले में अदालत ने हाफिज सईद के तीन सहयोगियों को सजा सुनाई

Pakistan: Pakistan Court Sentenced Three Associates Of Hafiz Saeed In Terror Funding Case
पाकिस्तान: टेरर फंडिंग मामले में अदालत ने हाफिज सईद के तीन सहयोगियों को सजा सुनाई
पाकिस्तान: टेरर फंडिंग मामले में अदालत ने हाफिज सईद के तीन सहयोगियों को सजा सुनाई

डिजिटल डेस्क, लाहौर। एक आतंक रोधी अदालत (एटीसी) ने शुक्रवार को जमात-उद-दावा (जेयूडी) के तीन शीर्ष नेताओं को आतंकी वित्त पोषण के विभिन्न मामलों में दोषी ठहराया। एटीसी अदालत के फैसले के अनुसार, मलिक जफर इकबाल, हाफिज अब्दुल रहमान मक्की और हाफिज अब्दुल सलाम को आतंक के वित्त पोषण के लिए विभिन्न संगठनों के परिसरों और नामों का उपयोग करने का दोषी पाया गया। अदालत ने हाफिज अब्दुल सलाम और मलिक जफर इकबाल को 150,000 रुपये जुमार्ने के साथ 16 साल और छह महीने की कैद की सजा सुनाई, जबकि अब्दुल रहमान मक्की को 20,000 रुपये जुर्माने के साथ 1.5 साल जेल की सजा सुनाई गई।

दरअसल, मलिक जफर इकबाल और हाफिज अब्दुल सलाम को 16.5 साल जेल की सजा सुनाई गई है, क्योंकि वे संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध सूची में आतंकवादी हैं, जबकि अब्दुल रहमान मक्की का नाम संयुक्त राष्ट्र की सूची में नहीं है और उसे 1.5 साल की सजा मिली है। हाफिज सईद के बहनोई अब्दुल रहमान मक्की को एटीसी ने गिरफ्तार किया और उसे अब्दुल सलाम के साथ लाहौर की कोट लखपत जेल भेज दिया गया, जबकि जफर इकबाल को शेखपुरा जेल भेज दिया गया। एटीसी तृतीय के न्यायाधीश एजाज अहमद बुट्टर ने पंजाब प्रांत के काउंटर टेररिज्म विभाग द्वारा दायर विभिन्न मामलों में केस की कार्यवाही का संचालन किया। 

बता दें कि एटीसी द्वारा अपनी सजा को चुनौती देने वाली जेयूडी नेताओं की याचिका पर सुनवाई करते हुए, लाहौर हाईकोर्ट ने अब्दुल रहमान मक्की और अब्दुल सलाम को जमानत दी थी और 13 अगस्त 2020 को उनकी सजा में कमी भी की थी। लाहौर हाईकोर्ट ने आतंकी वित्त पोषण के लिए उनकी सजा को एक साल के कारावास के साथ घटा दिया था। लाहौर की अदालत ने जेयूडी नेताओं को जमानत दी और उनकी रिहाई का आदेश दिया।

हालांकि शुक्रवार के हालिया एटीसी के फैसले ने लाहौर अदालत के फैसले को पलट दिया और दोनों नेताओं को अदालत परिसर से तत्काल गिरफ्तार करने और उन्हें सीधे जेल भेजने का आदेश दिया। पंजाब प्रांत के काउंटर टेररिज्म विभाग ने जेयूडी नेतृत्व के खिलाफ कम से कम 23 मामले दर्ज किए थे, जिसमें उनके संबद्ध संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और चैरिटी के तहत खोले गए संगठन फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) शामिल हैं। ट्रस्टों और गैर-लाभकारी संगठनों के नाम पर संपत्ति और संपत्तियों के माध्यम से आतंक के वित्तपोषण के लिए धन का अवैध संग्रह करने का आरोप लगाते हुए जुलाई 2019 के दौरान लाहौर, गुजरांवाला और मुल्तान में मामले दर्ज किए गए थे।

आतंक के वित्तपोषण के लिए जिन पर मामला दर्ज किया गया, उन जेयूडी नेताओं में हाफिज मुहम्मद सईद, अब्दुल रहमान मक्की, मलिक जफर इकबाल, आमिर हमजा, मुहम्मद याहया अजीज, मुहम्मद नईम शेख, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, डॉ. अहमद दाउद, डॉ. मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मुहम्मद अली, अब्दुल गफ्फार और अन्य शामिल हैं।

Created On :   28 Aug 2020 11:51 PM IST

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