स्वर्ण पदक हासिल करने की तलाश में भारतीय महिला हॉकी टीम
डिजिटल डेस्क, बर्मिघम। मैनचेस्टर बमिर्ंघम से लगभग 140 किलोमीटर दूर है और भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए सबसे बड़ी जीत में से एक, 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों का फाइनल जिसमें भारत ने मेजबान टीम को हराकर प्रतियोगिता में अपना एकमात्र स्वर्ण पदक जीता था।
भारत ने मेजबान इंग्लैंड को 3-2 से हराकर स्वर्ण पदक जीता था। दोनों टीमें बमिर्ंघम में भी टक्कर की राह पर हैं क्योंकि वे अन्य टीमों की तरह कनाडा, वेल्स और घाना के साथ एक ही पूल ए में हैं और 2 अगस्त को अपने प्रारंभिक दौर के मैच में आमने-सामने होंगी। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से बचने के लिए उस मैच को जीतना और ग्रुप में टॉप करना महत्वपूर्ण हो सकता है।
भारत अर्जेंटीना के लिए सेमीफाइनल में पहुंच गया था, जिसके बाद तीसरे स्थान के मैच में ग्रेट ब्रिटेन से हार का सामना करना पड़ा, जिसमें ज्यादातर इंग्लैंड के खिलाड़ी शामिल थे।
भारतीय महिला हॉकी टीम का लक्ष्य 2002 में जीते गए स्वर्ण पदक को फिर से हासिल करना होगा। भारत ने 2006 के सीजन में दूसरा स्थान हासिल किया।
टीम इंडिया भी एम्सटर्डम और स्पेन में एफआईएच महिला विश्व कप में एक विनाशकारी अभियान के बाद खुद को भुनाने की कोशिश करेगी क्योंकि वे नौवें स्थान पर रही थीं।
भारतीय महिला टीम अपने शुरूआती दौर के मैच में घाना के खिलाफ अपने अभियान की शुरूआत करेंगी। भारत के लिए ग्रुप चरण में प्रमुख प्रतियोगिता इंग्लैंड के खिलाफ होगी और भारत उनसे अपने ग्रुप में शीर्ष पर पहुंचने की उम्मीद कर रहा होगा।
(आईएएनएस)
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Created On :   28 July 2022 3:31 PM IST