ब्रह्मास्त्र में रणबीर-अलिया ही नहीं बल्कि मौनी राय ने भी किया जोरदार अभिनय, शाहरुख और नागार्जून ने बिखेरा जलवा,सब कुछ अच्छा होकर भी कहां मात खाई फिल्म?
डिजिटल डेस्क,मुंबई। इस साल की मोस्ट अवटेड फिल्म ब्रह्मास्त्र आखिरकार शुक्रवार को थिएटर्स में रिलीज हो गई है। फिल्म की कहानी काफी आसान है। जैसा कि फिल्म के ट्रेलर को ही देखकर समझ आ गया था। बता दें कि फिल्म में काफी समय पहले कुछ ऋषियों ने तपस्या करके भगवान से अस्त्र-शस्त्र वरदान में मांगे थे, जिनमें सबसे ताकतवर अस्त्र ब्रह्मास्त्र होता हैं, अब ब्रह्मास्त्र को कुछ बुरे लोग हासिल करना चाहते हैं और अच्छे लोग उसकी रक्षा करते हैं। कोई बुरे लोग ब्रह्मास्त्र का इतेस्माल न कर सके इसलिए ब्रह्मास्त्र को तीन हिस्सों में बांट दिया गया था। लेकिन जुनून (मौनी रॉय) इन्हे एक साथ लेकर फिल्म के एक करेक्टर देव/ब्रह्मदेव को वापस जिंदा करना चाहती है। इसके अलावा फिल्म में शाहरुख खान और नागार्जुन के पास भी अस्त्र होते है। जिससे फिल्म में एक्साइटमेंट लेवल ओर भी हाई हो जाती है। शाहरुख खान और नागार्जुन जुनून (मौनी रॉय) को अच्छे लोग से ब्रह्मास्त्र को लेने में रोकने की कोशिश करते है। इस फिल्म में गुरु जी (अमिताभ बच्चन) का एक आश्रम होता है, जहां ब्रह्मास्त्र के कई सदस्य मौजूद रहते है। जो जुनून को रोकने के लिए आगे आते है। अब इन सब में शिवा(रणबीर कपूर) इस फिल्म का हिस्सा कैसे बन जाते है। वो खुद में एक अस्त्र क्यों हैं और फिल्म के आखिर में अच्छे किरदार ब्रह्मास्त्र को बचा पाते हैं या नहीं.....ऐसे अनेक सवालों के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
निर्देशन और एक्टिंग किस प्रकार हैं, ब्रह्मास्त्र में
बता दें कि अयान मुखर्जी की यह तीसरी निर्देशित फिल्म है। अयान ने इससे पहले "वेक अप सिड" और "ये जावानी है दिवानी" का निर्देशन किया था। यह दोंनो ही फिल्म को न केवल क्रिटिक्स ने बल्कि दर्शकों ने भी खूब पसंद किया था। अयान मुखर्जी के फिल्म में किए गए निर्देशन वाकई काबिल-ए-तारीफ हैं। बता दें कि इस फिल्म के टेक्निकल आस्पेक्टस की आने वाले समय में खूब चर्चा होगी। फिल्म के शुरुआत के चंद मिनटों के बाद शाहरुख खान की एंट्री होती है और शुरु होता है जोरदार एक्शन, जो आपको ताली बजाने और सीटी मारने पर मजबूर कर देंगे। वहीं आलिया भट्ट, रणबीर कपूर, अमिताभ बच्चन ही नहीं बल्कि इस फिल्म में मौनी रॉय ने भी अब तक की बेस्ट एक्टिंग की है। वहीं अक्किनेनी नागार्जून ने भी इस फिल्म में बहेतरीन काम किया है। फिल्म में नागार्जून के गुस्से वाला लुक देखते ही बनता है। इसके अलावा डिंपल कपाड़िया भी इस फिल्म में थोडे समय के लिए नजर आती है।
फिल्म के स्ट्रॉन्ग प्वाइंट
जिन लोगों ने इस फिल्म को देखा है उनका कहना है कि फिल्म में वीएफएक्स अच्छा है। इस फिल्म के जैसा वीएफएक्स हमने भारतीय सिनेमा में पहली बार देखा है, भारतीय सिनेमा को देखकर हम सभी अक्सर कहते है कि फिल्म का वीएफएक्स और भी ज्यादा अच्छा हो सकता था। लेकिन फिल्म ब्रह्मास्त्र के वीएफएक्स को लेकर आपकी सोच में बदलाव जरुर आएगा। इस फिल्म को जहां एक ओर तकनीकी तौर पर ठीक किया गया है वहीं दूसरी ओर इसकी कहानी में अस्त्रो को जोड़ा गया है। इसके अलावा फिल्म में सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक बेहतरीन है, जो स्क्रीनिंग एक्सपीरियंस को अच्छा करने का नाम करता है। जैसा कि इस फिल्म के ट्रेलर में देख चुके है। फिल्म में कलरिंग का भी अच्छा इस्तेमाल किया गया है।
कहां खाई मात
इस फिल्म में काफी कुछ अच्छा है, लेकिन कई ऐसे चीज है जिसे और भी बेहतर किया जा सकता था। इसमें फिल्म के डायलॉग्स हुसैन दलाल ने लिखे है। जो डायलॉग्स फिल्म में सीन के हिसाब से काफी कमजोर साबित होते है। यहीं नहीं काफी जगह पर फिल्म में बिना मतलब के ह्यूमर को डाला गया है, जिसकी सीन में कोई जरुरत नहीं थी। बता दें कि जिस भारी बजट व ग्रैंड लेवल पर फिल्म को बनाया गया हैं। उस हिसाब से गाने को बेहतर तरीके से चुना नहीं गया हैं. फिल्म के गाने उतने ठीक नहीं है। इसके अलावा फिल्म को काफी लंबे समय तक खीचा गया है। फिल्म को एडिट करके करीब 10 से 15 मिनट तक कम किया जा सकता था। जिससे कुछ हिस्से पर फिल्म काफी लंबे वक्त तक खींची हुई महसूस नहीं होती। वहीं फिल्म की शुरुआती कुछ समय तक थोड़ी उलझी जैसी महसूस होती हैं। बाकी फिल्म की कहानी के कुछ अंश से लोगों को आपत्ति भी हो सकती है।
फिल्म देखें या नहीं
आठ साल से ज्यादा वक्त अयान मुखर्जी ने इस फिल्म को दिया है और उनकी महेनत फिल्म में दिखाई देती है। यह एक ऐसी फिल्म है, जिसे आप अपने परिवार के साथ देखने जा सकते है। यदि आप इस फिल्म में वीएफएक्स को बेहतरीन तरीके से महसूस करना चाहते है तो आप 3डी में भी इस फिल्म को देख सकते है। तब आपको फिल्म में वीएफएक्स पर किए गए काम को और अच्छा से महसूस कर पाएंगे।
Created On :   9 Sept 2022 11:24 PM IST