बालों में छुपा था "नशे" का राज, CFSL की रिपोर्ट में खुलासा, अभिनेत्रियां करती है नशीली दवाओं का सेवन
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- बालों के नमूनों से तैयार एफएसएल रिपोर्ट में हुई पुष्टि
- फिल्म अभिनेत्रियां नशीली दवाओं का करती है सेवन
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की रिपोर्ट ने पुष्टि की है कि बहुभाषी अभिनेत्रियां संजना गलरानी, रागिनी द्विवेदी और अन्य ने ड्रग्स का सेवन किया था। इस सिलसिले में बाद में दोनों को गिरफ्तार कर जमानत पर रिहा कर दिया गया। पुलिस ने मामले में इवेंट मैनेजर वीरेन खन्ना, पूर्व दिवंगत मंत्री के बेटे आदित्य अल्वा और बॉलीवुड अभिनेता विवेक ओबराय के करीबी रिश्तेदार और अन्य को भी गिरफ्तार किया है।
घटनाक्रम ने राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं, वहीं सभी आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया। रिपोर्टरों ने यह भी पुष्टि की है कि, वीरेन खन्ना, राहुल टोनसे, दोनों इवेंट मैनेजर ड्रग्स का इस्तेमाल कर रहे थे। मामले की जांच कर रही सिटी क्राइम ब्रांच (सीसीबी) पुलिस ने नशीली दवाओं के सेवन की जांच के लिए आरोपी व्यक्तियों के बालों के नमूने जांच के लिए भेजे हैं। परीक्षण को हेयर फॉलिकल टेस्ट या हेयर ड्रग टेस्ट के रूप में जाना जाता है।
लैब ने पहली बार अभिनेत्रियों के बालों के सैंपल रिजेक्ट किए थे और सैंपल पर नाराजगी जताई थी। सीसीबी ने सीएफएसएल को जल्द से जल्द परिणाम देने के लिए भी कहा था। नौ महीने पहले कील और यूरिन के सैंपल के साथ हेयर सैंपल भेजे गए थे। राज्य में पहली बार ड्रग्स मामले में बालों के सैंपल भेजे गए थे। चूंकि दवा के निशान एक साल तक खोजे जा सकते है।
आम तौर पर, रक्त और मूत्र के नमूने भेजे जाते है, क्योंकि दवाओं का पता केवल 24 से 48 घंटों के भीतर लगाया जा सकता है। मामले के जांच अधिकारी इंस्पेक्टर पुनीत ने बेंगलुरू की 33वीं सीसीएच अदालत को रिपोर्ट सौंप दी है। अभिनेत्रियों और अन्य के खिलाफ चार्जशीट में रिपोर्ट जोड़ी जाएगी।
हालांकि अधिकारी विकास पर टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे, सीसीबी ने एक प्रेस नोट जारी कर दावा किया कि उन्होंने नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) मामलों के आरोपियों के बालों के नमूने हैदराबाद सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी को भेजे हैं। संदीप पाटिल ने कहा कि बालों के नमूने से 1 साल तक दवाओं के निशान का पता लगाया जा सकता है। नई पद्धति ने पुलिस को एनडीपीएस मामलों में अभियुक्तों की नशीली दवाओं की खपत का पता लगाने में मदद की है। पुलिस आयुक्त कमल पंत ने भी सीसीबी पुलिस द्वारा नए तरीके के प्रयास और उपयोग की सराहना की है।
उन्होंने कहा कि हमने पिछले साल गिरफ्तार किए गए मादक द्रव्यों के मामलों में आरोपी व्यक्तियों के नमूने भेजे हैं। अब रिपोर्ट आई है। नशीली दवाओं के सेवन में शामिल लोगों के लिए यह एक खतरे की घंटी है। बेंगलुरु पुलिस ने सितंबर 2020 में अभिनेत्री संजना गलरानी और रागिनी द्विवेदी को गिरफ्तार किया था। संजना को दिसंबर 2020 में जमानत दी गई थी। रागिनी द्विवेदी को कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा उनकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद जनवरी 2021 में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी। संजना गलरानी ने जवाब दिया है कि उन्हें सीएफएसएल रिपोर्ट के बारे में पता नहीं है। उसने कहा कि वह सीएफएसएल रिपोर्ट का विवरण प्राप्त करने के बाद ही वह जवाब देगी।
(आईएएनएस)
Created On :   24 Aug 2021 1:30 PM IST