JEE and NEET: NTA ने कहा- दोनों एग्जाम पहले घोषित तारीखों पर आयोजित होंगे, JEE के एडमिट कार्ड भी जारी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने मंगलवार को कहा कि JEE (मेन) और NEET (UG) परीक्षाएं पहले घोषित तारीखों पर आयोजित की जाएंगी। NTA ने JEE (मेन) के एडमिट कार्ड भी जारी कर दिए हैं जबकि NEET (UG) के एडमिट कार्ड जल्द ही जारी किए जाएंगे। बता दें कि 1-6 सिंतबर के बीच आयोजित की जा रही JEE की परीक्षा में 8 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होंगे। जबकि मेडिकल के लिए सबसे बड़ा एग्जाम NEET 13 सितंबर को आयोजित होगा जिसमें 15 लाख से ज्यादा छात्र शामिल होंगे।
क्या कहा NTA ने?
NTA की ओर से जारी प्रेस रिलीज में यह सुनिश्चित किया गया है कि 99% छात्रों को एग्जाम देने के लिए उनके पसंद की सेंटर सिटी मिले। JEE (मेन) के लिए एग्जाम सेंटरों की संख्या को बढ़ाकर 570 से 660 कर दिया गया है। जबकि NEET (UG) के लिए एग्जाम सेंटरों की संख्या 2546 से बढ़ाकर 3843 कर दिया है। JEE मेन एक कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) जबकि NEET (UG) पेन-पेपर बेस्ड टेस्ट है। इसके अलावा JEE (मेन) के लिए शिफ्ट को 8 से बढ़ाकर 12 कर दिया गया है। प्रति शिफ्ट छात्रों की संख्या को भी घटाकर 1.32 लाख से 85000 कर दिया गया है। JEE (मेन) की परीक्षा के लिए 8.58 लाख कैंडिडेट और NEET (UG) के लिए 15.97 लाख छात्रों ने रजिस्टर किया है।
दोनों एग्जाम पोस्टपोन करने की मांग
बता दें कि देश में कोरोनावायरस की स्थिति को देखते हुए छात्र एग्जाम को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। छात्रों की इस मांग के समर्थन में कई विपक्षी नेता भी साथ आए हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रेसिडेंट राहुल गांधी, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई नेताओं ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर एग्जाम को पोस्टपोन करने की मांग की है।
ममता बनर्जी ने अपनी चिट्ठी में कहा, "पिछली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में मैंने यूजीसी की सितंबर 2020 तक कॉलेज और यूनिवर्सिटी में टर्मिनल एग्जाम को पूरा कराने की गाइडलाइन को लेकर अपने विचार रखे थे। मेरा विचार है कि कोरोना महामारी के इस दौर में हमें छात्रों की जिंदगी को रिस्क में नहीं डालना चाहिए।
इसे लेकर 11 जुलाई को भी मैंने लेटर लिखा था। अब एक बार फिर मैं अपनी इस चिट्ठी के माध्यम से कहना चाहती हूं, जिस तरह से एजुकेशन मिनिस्ट्री ने NEET और JEE एग्जाम को सितंबर 2020 में आयोजित कराने का फैसला लिया है, ये काफी रिस्की है।
एग्जाम पोस्टपॉन क्यों होना चाहिए?
भारत में कोरोना तेजी से फैल रहा है। हर रोज 60 हजार के करीब मामले सामने आ रहे हैं। दूसरा कारण बिहार, असम और अन्य उत्तर पूर्वी राज्यों में बाढ़ के चलते हालत काफी खराब है। ऐसे में वहा रहने वाले छात्र एग्जाम देने कैसे जाएंगे? तीसरी बात ट्रैवलिंग है। भारत में फिलहाल रेगुलर पैसेंजर सर्विस सस्पेंड है। ट्रांसपोर्ट के इतने बुरे हाल में छात्र एग्जाम सेंटर तक कैसे जाएंगे?
Created On :   25 Aug 2020 10:22 PM IST