अब रामलला को ठंड से बचाने की कोशिश, कम्बल, राजाई ब्लोअर से बढ़ेगी गर्माहट

Now trying to save Ramlala from cold, blanket, Rajai blower will increase the heat
अब रामलला को ठंड से बचाने की कोशिश, कम्बल, राजाई ब्लोअर से बढ़ेगी गर्माहट
मौसम ने ली करवट अब रामलला को ठंड से बचाने की कोशिश, कम्बल, राजाई ब्लोअर से बढ़ेगी गर्माहट
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  • अब रामलला को ठंड से बचाने की कोशिश
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  • राजाई ब्लोअर से बढ़ेगी गर्माहट

डिजिटल डेस्क, अयोध्या। उत्तर प्रदेश में ठंड ने ठिठुरन बढ़ा दी है। मौसम के करवट लेने के मिजाज से रामलला भी अछूते नहीं है। उन्हें जाड़े से बचाने के लिए खास इंतजाम किए गये है। रजाई ओढ़ाई जा रही है और ब्लोअर से गर्माहट दी जा रही है। अब वह अस्थाई मंदिर में ठाट से रह रहे हैं।

एक श्रद्धालु ने श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को दो शयन झूला सहित बेड, कंबल, रजाई आदि भेंट किया है। श्रीरामजन्मभूमि के प्रधान अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि भगवान राम सहित चारों भाईयों की सेवा बालक रूप में ही की जाती है। रामलला जब तक तिरपाल में रहे उनकी सेवा नहीं हो पायी। उन्हें एक कबंल रजाई मिलती है। जब उन्हें अस्थाई मंदिर में विराज हुए तब से ट्रस्ट की ओर से सुविधाएं मिल रही है। उनके लिए शयन के लिए दो बेड झूले है। कंबल, रजाई और ब्लोअर की व्यवस्था की गयी है। यह गर्म ओढ़ने बिछाने के वस्त्रों को अयोध्या में ही बनाया गया है। अभी तक रामलला को उनके स्थान पर ही सिंहासन हटाकर रात में गद्दा बिछाकर शयन कराया जाता था। अब उनके लिए शयन झूले रूपी बेड की व्यवस्था कर दी गई है।

एक शयन झूले रूपी बेड में भगवान राम व भरत तो दूसरे में लक्ष्मण व शत्रुहन को रात्रि विश्राम कराया जाता है। मच्छरों से बचाने के लिए मच्छरदानी भी लगाया जाता है। ट्रस्ट रामलला के लिए सभी प्रकार की व्यवस्थाओं करने को प्रतिबद्ध रहता है।

गौरतलब है कि छह दिसंबर, 1992 को ढांचा ढहाये जाने के बाद से जहां रामलला करीब 28 वर्ष तक अस्थायी मंदिर में विराजमान रहे हैं, वहीं उनकी सेवा-पूजा में समुचित संसाधन का अभाव भी महसूस किया जाता रहा। पिछले वर्ष नौ नवंबर को सुप्रीम फैसला आने के बाद जहां भव्य मंदिर निर्माण की तैयारी शुरू हुई, वहीं मंदिर निर्माण होने तक रामलला को समुचित साज-सज्जा से युक्त वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किये जाने का प्रयास हुआ। इसी वर्ष 25 मार्च को रामलला को वैकल्पिक गर्भगृह में स्थापित किये गये फिर उनकी भव्य व्यवस्था की गयी।

अयोध्या में स्थित श्रीराम जन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला 28 वर्षों से टेंट में रहे। इस दौरान रामलला को सिर्फ गर्म वस्त्र ही मिल रहे थे। टेंट में सुरक्षा कारणों से किसी भी प्रकार के यंत्र और अंगीठी के प्रयोग पर रोक थी, लेकिन नौ नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 25 मार्च को रामलला टेंट से निकलकर आधुनिक सुविधाओं से संपन्न अस्थाई मंदिर में विराजमान हैं।

 

आईएएनएस

Created On :   22 Dec 2021 12:00 PM IST

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